बचपन में हम कई चीज़ों को बस यूं ही इस्तेमाल कर लेते थे. चाहे वो घर की छोटी सी छोटी चीज़ हो या खेलने-कूदने की चीज़. असल आटे-दाल का भाव तो बड़े होने पर पता चला जब वो सारी चीज़ें हमें ख़ुद ख़रीदनी पड़ीं.
1. क्रिकेट बैट
बचपन में ख़ुशियों की चाबी थी ये और बड़े होकर दाम ने खेल ही छुड़वा दिया.
2. तांबे के बरतन
बचपन में क्रॉकरी अच्छी लगती थी, बड़े होकर इनका शौक़ चढ़ा तो क़ीमत ने जेब में छेद कर दिया.
3. परीक्षा फ़ॉर्म
परिक्षाएं देना तो ज़रूरी है ही पर ये फ़ॉर्म इतने महंगे क्यों होते हैं?
4. सेन्टेड कैंडल
अगरबत्ती ही जला लेते हैं, दाम देखकर ये विचार आता है.
5. लिपस्टिक
बचपन में मम्मी की लिपस्टिक काफ़ी बर्बाद किए हैं, आज ख़रीदते वक़्त बटुआ खाली हो जाता है.
6. बिजली वाला टेप
इत्ती सी चीज़ भी इतनी महंगी हो सकती है क्या भला?
7. वीडियो गेम
कहां 20 रुपये में मौज कर लेते थे कहां अब हज़ारों ख़र्च करने पड़ रहे हैं.
8. कारपेट
रोना आ गया था जब ख़रीदने गए थे.
9. बैडमिंटन
अरे भई स्पोर्ट्स की चीज़ें तो सस्ती होती होंगी, ये ग़लतफ़हमी बैडमिंटन के दाम देखकर दूर हो गई.
10. पटाखे
बचपन में मज़ा और बड़े होकर बन गई सज़ा. इन्हें ख़रीदने से अच्छा है हम ग्रीन दिवाली मना लें.
11. सोफ़ा
बचपन में जिस पर कूदते-फांदते थे, सो जाया करते थे. बड़े होकर उसे ख़रीदने में मंथली बजट हिल गया.
12. स्टडी लैम्प
पापा लेकर आए थे स्टडी लैम्प, उसके नीचे पढ़ने में मन लगता था. जब ख़ुद ख़रीदना पड़ा तो लगा कि दिन में ही पढ़ाई कर लेंगे.
13. कैरम बोर्ड
बचपन का साथी बड़े होकर यूं महंगा होगा किसने सोचा था?
14. सिगरेट
ये पहले तो इतनी महंगी नहीं आती थी, अब साल दर साल दाम बढ़ रहे हैं.
15. काजू किशमिश बादाम
बचपन में मम्मी के जबरन खिलाने पर नहीं खाते थे, अब ख़रीदकर खाने में सोचते हैं, महंगे ही इतने हैं.
16. केक
जिसे बचपन में रज कर खाते थे वो जब ख़रीदना पड़ा तो बात समझ आई कि लिपने से मना क्यों किया जाता था.
17. बिस्तर-तकिया
4-4 तकिए लेकर सोने वाले बच्चों को जब ख़ुद का बिस्तर लेना पड़ा तो दाम का सोचकर ही नींद उड़ गई.
18. ब्रा
न जाने कब ब्रा की क़ीमत कम होंगी और महिलाओं के थोड़े पैसे बचेंगे.
19. दरवाज़े के हैंडल
इनके दाम को देखकर पता चलता है कि आख़िर घर बनवाने में लोगों की जीवनभर की कमाई क्यों लग जाती है.