वर्ल्ड वॉर सेकंड के दौरान नाज़ियों ने यहूदियों को निशाना बनाया और उन पर हर तरह का अत्याचार किया. इस अत्याचार का आलम ये था कि हज़ारों की तादाद में यहूदियों को मौत की नींद सुला दिया गया. Henryk Ross नाम के एक यहूदी फ़ोटोग्राफ़र ने नाज़ियों के कई अत्याचार को तस्वीरों के ज़रिये कैमरे में कैद किया, पर हिटलर के डर से उसने इन फ़ोटोग्राफ़्स को ज़मीन के अंदर दबा दिया.
Henryk Ross एक सामान्य से फ़ोटोग्राफ़र थे, जो पोलैंड में एक अख़बार के लिए खेल और ख़बरों की तस्वीरें लिया करते थे. 1939 में जब जर्मन सेना ने पोलैंड में आक्रमण किया, तो Henryk Ross ने अपनी जान को दांव पर लगा कर नाज़ियों के अत्याचार की तस्वीरें लेना शुरू की. कहीं ये फोटोज़ जर्मन सेना के हाथ न लग जायें, इसलिए Henryk Ross ने इन तस्वीरों को एक बक्से में बंद करके छुपा दिया.
1945 में जर्मनी की हार के बाद Henryk Ross दोबारा उसी जगह आये और इन फ़ोटोज़ को निकाला. हालांकि कई दिनों तक दबे रहने की वजह से इनमें से अधिकतर फ़ोटोज़ ख़राब हो गईं. दूसरे वर्ल्ड वॉर के दौरान इतिहास किस दर्द से गुज़रा, उसी के अत्याचार को दर्शाती इन तस्वीरों को Ontario की आर्ट गैलरी में सुरक्षित रखा गया.