‘जीवन में क्या करना है ?’,

‘व्हाट इज़ द ऐम ऑफ़ योर लाइफ़?’  

ये दो ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब ज़्यादातर लोगों को पता नहीं होता है. मतलब नौकरी लगने के बाद भी बहुत से लोग इस सवाल का जवाब नहीं दे पायेंगे. जिन्हें पता होता है उन्हें ज़िन्दगी में क्या करना है वो इसके लिए जमकर मेहनत करते हैं.


अगर भारतीय मम्मी-पापा की बात करें तो उनके दिमाग़ में अपने बच्चों के लिए डॉक्टर-इंजीनियर या फिर सरकारी नौकरी वाले सपने ही आते हैं. बच्चा 100 में 100 न ला पाये तो ये मम्मी पापा के लिए चिंता का विषय बन जाता है. 

जॉनी किम, इन आम सपनों से 3 कदम आगे निकल गये हैं.

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एक रिपोर्ट के अनुसार, कोरियन-अमेरिकी जॉनी दुनिया के पहले Fully-Certified नासा एस्ट्रॉनॉट है. इसके अलावा जॉनी के पास हार्वर्ड से मेडिकल डिग्री और नेवी सील की ट्रेनिंग भी है. 


ये सब जॉनी ने 36 की उम्र में कर लिया है. 

एक रिपोर्ट के मुताबिक़, अंतरिक्ष में जाने वाले पहले कोरियन-अमेरिकन होंगे जॉनी. पिछले हफ़्ते, 12 अन्य लोगों के साथ उन्होंने नासा का Artemis Program पास किया. इस प्रोग्राम में पास करने के बाद जॉनी International Space Station के मिशन का हिस्सा बन सकते हैं और उन्हें चंद्रमा और मंगल ग्रह पर भी जाने का मौका मिल सकता है. 


1980 के दशक में जॉनी के माता-पिता अमेरिका आये. जॉनी ग्रैजुएशन करने के बाद नेवी से जुड़े. जॉनी ने नेवी सील का स्टेटस प्राप्त किया और मिडिल ईस्ट में अब तक वे 100 से ज़्यादा मिशन का हिस्सा बन चुके हैं. 

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इसके बाद भी जॉनी की कुछ पाने की इच्छा ख़त्म नहीं हुई. जॉनी ने यूनिवर्सिटी ऑफ़ सेन डिएगो से गणित की और साथ ही हार्वार्ड मेडिकल स्कूल से डॉक्टरेट ऑफ़ मेडिसिन की डिग्री हासिल की.

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नासा में सेलेक्शन से पहले जॉनी मैसाच्युसेट्स के अस्पताल में बतौर फ़िज़िशियन काम कर रहे थे.