21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद देश के अलग-अलग राज्यों से मज़दूरों के पलायन करने की ख़बरें आ रही हैं. इनमें से अधिकतर वो मज़दूर हैं जो ग्रामीण इलाके से रोज़गार की तलाश में शहरों में आए थे. तेलंगाना से भी बहुत से मज़दूर अपने घरों की ओर पैदल ही निकल पड़े हैं. ऐसे ही कुछ मज़दूरों के बारे में जब वहां की एक जज को पता चला तो उन्होंने अपने कोर्ट में ही उनके खाने की व्यवस्था करा दी.

तेलंगाना की सड़कों पर अपने घरों की ओर जाने वाले ऐसे मज़दूरों की लाइन लगी है. भूखे-प्यासे ये मज़दूर किसी तरह अपने घर पहुंचना चाहते हैं. तेलंगाना हाइकोर्ट के बाहर ऐसा ही एक मज़दूर कमजोरी के कारण बेहोश होकर गिर पड़ा. इसकी ख़बर जब संगारेड्डी ज़िले की प्रधान न्यायाधीश के. साई रामा देवी को पता चली तो उन्हें बहुत दुख हुआ.

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उन्होंने इनके लिए कुछ करने के बारे में सोचा. इसके बाद उन्होंने ज़िले के District Legal Services Authority से आज्ञा लेकर कोर्ट परिसर में ही इनके खाने की व्यवस्था कर दी. कोर्ट परिसर में राज्य के 3 ज़िलों(मेडक, संगारेड्डी और ज़हिराबाद) से आए मज़दूरों को खाना खिलाया गया. हैदराबाद से इन ज़िलों तक बस से यात्रा करने पर क़रीब 2 घंटे का समय लगता है और ये बिना किसी साधन के पैदल ही अपने घर जा रहे थे.

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इन मज़दूरों के लिए जो खाना आया था वो संगारेड्डी जेल डिपार्टमेंट की तरफ से तैयार किया गया था. जब आस-पास के लोगों को पता चला कि यहां पर मज़दूरों को फ़्री में खाना खिलाया जा रहा है, तो वो भी हाथ बंटाने के लिए वहां पहुंच गए थे. रामा देवी जी ने संकट की इस घड़ी में लोगों से बढ़-चढ़कर ज़रूरतमंदों की मदद करने की अपील भी की है.

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उनका कहना है कि सरकार तो अपना काम कर ही रही है, हमें भी मानवता को बचाए रखने के लिए यथा संभव मदद करनी चाहिए. 


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