एक स्टडी में पता चला है कि दिल्ली में ज़्यादातर लोग अपने गैजेट्स के कचरे को सही तरीके से नहीं फेंकते, जिसके कारण ये सब ज़हरीले धुंए के रूप में उन तक वापस पहुंच जाता है.

आप अपने गैजेट ख़राब होने के बाद क्या करते हैं? कभी सोचा है कबाड़ी उनका क्या करता होगा? कबाड़ियों के पास जाने के बाद इस कचरे में से धातु अलग किया जाता है, जिस प्रक्रिया में कई ज़हरीले पदार्थ बनते हैं.

धातु निकलने के लिए गैजेट्स को जलाया जाता है और एसिड में डाला जाता है. इसके बाद कचरा नालों, नदियों में बहा दिया जाता है. जिससे जल प्रदूषण होता है. इससे मिट्टी और हवा को भी नुकसान पहुंचता है.

आगे जाकर ये कचरा दूषित हवा-पानी के रूप में हमें वापस मिलता है. इनसे लोगों के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है. इस वक़्त E-waste की 90% रिसाइक्लिंग अवैध रूप से की जाती है. दिल्ली के मुस्तफाबाद और सीलमपुर इलाकों में ये काम धड़ल्ले से होता है.