हिन्दू धर्म के महाकाव्यों पर मंचित सिनेमा और सीरियल्स में हमने अक्सर देखा है कि जब कभी भी न्याय पर अन्याय हावी होने लगता है. जब कभी भी धर्म पर अधर्मियों का कब्ज़ा होने लगता है. जब कभी भी देवी-देवता अधर्मी राक्षसों से पराजित होने लगते हैं तब वे अपने अंतिम तारणहार महादेव के पास त्राहिमाम-त्राहिमाम करते पहुंचते हैं. और देवाधिदेव महादेव के पास सारी समस्याओं का समाधान होता है. महादेव जिनकी गोद में सृष्टि और प्रलय दोनों खेलते हैं. जो क्रोधी कुछ ऐसे हैं कि कोई भी उनके क्रोध का सामना नहीं करना चाहता और भोले इतने कि उन्हें बम-बम भोले भंडारी कहा जाता है. प्रेमी कुछ ऐसे कि प्रेम पर सब कुछ न्योछावर करने को उतारू रहते हैं तो वहीं सब-कुछ छीन लेने की हद तक ज़िद्दी भी.तो हम आपके समक्ष ख़ास लेकर आए हैं देवाधिदेव महादेव के कुछ ऐसे ही ज्योतिर्लिंग जिनके दर्शन मात्र से मानव की ज़िंदगी के सारे झंझावातों से छुटकारे की बात कही जाती है.

1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग

यह विश्वप्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग पश्चिमी उत्तरप्रदेश के सौराष्ट्र इलाके में पड़ता है. इस मंदिर के बारे में ऐसा प्रचलित है कि इसे छ: बार ढहाया गया है और इसे छ: बार पुनर्निर्मित भी किया गया है. अंतिम बार इसका जीर्णोद्धार सन् 1947 में किया गया था. आदि ज्योतिर्लिंग के नाम से चर्चित यह ज्योतिर्लिंग सोमेश्वर को समर्पित है जिसके माथे पर चंद्रमा विराजते हैं.

2. मल्लिकार्जुन शिवलिंग

आंध्र प्रदेश के श्रीसैलम क्षेत्र में स्थित यह मंदिर मल्लिकार्जुन स्वामी के नाम से जाना जाता है. यह ज्योतिर्लिंग कृष्णा नदी के किनारे पर स्थित है. इस मंदिर की दीवारों पर पुराने जमाने की कलाकारी देखी जा सकती है. यह मंदिर देखने में किसी किले जैसा लगता है. मगर इस ज्योतिर्लिंग के चर्चे सात समंदर पार भी सुने जाते हैं.

3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग

दुनिया के कुछ सबसे ही मशहूर मंदिरों और ज्योतिर्लिंग के तौर पर किसी एक का नाम लेना हो तो आप महाकालेश्वर का नाम ले सकते हैं. मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में रुद्र सागर झील के किनारे स्थित है यह मंदिर. इसे दक्षिणमुखी भी कहा जाता है क्योंकि यह दक्षिण की ओर मुंह किए रहता है. महाकवि कालीदास ने भी इसके गुणगान में बहुत कुछ लिखा है.

4. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग

ओंकारेश्वर के नाम से मशहूर यह ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के महेश्वर इलाके में स्थित है. यह अति पावन स्थल नर्मदा और कावेरी के संगम स्थल को और भी परिमार्जित कर देता है. इस पवित्र धाम के नज़दीक ही नर्मदा नदी पर बनने वाला सबसे बड़ा बांध सरदार सरोवर डैम मौजूद है.

5. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग

केदारनाथ के नाम से प्रचलित यह ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड राज्य की आन-बान-शान है. यहां तक पहुंचने के लिए आपको गौरीकुंड होते हुए 14 किलोमीटर का पैदल रास्ता तय करना पड़ता है. इसे देश के छोटा चार धाम में शुमार किया जाता है. यह तीर्थ स्थल अप्रैल के अंत से लेकर कार्तिक पूर्णिमा के बीच सभी दर्शनार्थियों हेतु यहां रखा जाता है. सर्दियों के दौरान यहां की मूर्तियां उखीमठ ले आई जाती हैं, जहां छ: माह तक पूजा-अर्चना होती है.

6. भीमशंकर ज्योतिर्लिंग

भीमशंकर मंदिर के नाम से मशहूर यह ज्योतिर्लिंग स्थल महाराष्ट्र के पूणे शहर के नज़दीक स्थित है. भीमशंकर ज्योतिर्लिंग शहर के धूल-धक्कड़ और चिल्ल-पो से बहुत दूर बिल्कुल शांत जगह पर स्थापित है. यह ज्योतिर्लिंग पश्चिमी घाट के इलाके में पड़ता है जो उसके जीव-जंतु और पेड़-पौधों के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. तो भैया सोच क्या रहे हैं? निकल पड़िए दर्शन और रोज की नौकरी से छुटकारा लेकर…

7. विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग

काशी विश्वनाथ के नाम से चर्चित यह ज्योतिर्लिंग दुनिया के सबसे पुराने शहर काशी और मां गंगा के तट के किनारे स्थित है. यह पूरा शहर अड़भंगों की जमात के तौर पर जाना जाता है. हिन्दू धर्म के अनुयायियों के बीच काशी शहर और विश्वनाथ मंदिर का नाम बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता है. यहां दिन में पांच बार आरती होती है और यहां के नज़दीकी गंगा घाट जिसे दशाश्वमेध घाट कहा जाता है की शाम की गंगा आरती को देखने के लिए श्रद्दालु पूरे देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर से आते हैं.

8. त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग

त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग त्रयम्बक शहर में गोदावरी नदी के किनारों पर स्थित है जो महाराष्ट्र के नासिक शहर का हिस्सा है. यह एक अति प्राचीन और हिन्दूओं के बीच काफ़ी सम्मान से देखा जाने वाला ज्योतिर्लिंग है. इस ज्योतिर्लिंग के तीन चेहरे हैं, जिसमें ब्रम्हा-विष्णु और महेश के दर्शन किए जा सकते हैं.

9. बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग

बैद्यनाथ धाम को बाबा धाम कहते हैं जो महादेव के सबसे पवित्रतम तीर्थ के तौर पर चर्चित है. यह ज्योतिर्लिंग झारखंड राज्य के देवघर शहर में स्थित है. ऐसा माना जाता है कि यहां माता सती का हृदय गिरा था. इस तीर्थ स्थल से रावण और शिव की भी कई कहानियां जुड़ीं हैं. कांवरियों के बीच बाबा धाम की ख़ासी प्रसिद्धि है.

10. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग

ऐसा माना जाता है कि नागेश्वर ज्योतिर्लिंग हमारी पृथ्वी का सबसे पहला ज्योतिर्लिंग है. यह तीर्थस्थल गुजरात प्रांत के द्वारका शहर में स्थित है. यह ज्योतिर्लिंग भी दक्षिणमुखी है. इस ज्योतिर्लिंग का जिक्र शिव पुराण में भी देखने को मिलता है. इस ज्योतिर्लिंग को अल्मोड़ा-उत्तराखंड, नागेश्वर-द्वारका-गुजरात और महाराष्ट्र में स्थित नागनाथ मंदिर के बिल्कुल नज़दीक माना जाता है.

11. रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग के नाम पर ही यह तमिलनाडू राज्य का शहर बसा हुआ है. हिन्दू धर्म के अनुयायियों के बीच इसका ख़ासा सम्मान और प्रसिद्धि है. समुद्र तट के किनारे स्थित यह ज्योतिर्लिंग चार धामों में शुमार किया जाता है. रामेश्वर का मतलब राम का प्रभु होता है जो विष्णु के सातवें अवतार माने जाते हैं. इस तीर्थ स्थल को शैव और वैष्णव अनुयायियों के बीच समान रूप से स्वीकृति मिलती है. रामेश्वरम को पंबन नामक पुल जो कि पाक स्ट्रेट पर बना है रामेश्वरम को ज़मीन के दूसरे भाग से जोड़ता है.

12. ग्रिश्नेश्वर ज्योतिर्लिंग

यह मशहूर ज्योतिर्लिंग औरंगाबाद के नज़दीक स्थित दौलताबाद से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. अजंता-एलोरा गुफाओं के नज़दीक स्थित इस मंदिर के दर्शन हेतु पूरी दुनिया से लोग यहां आते हैं. और यहां दर्शन-पूजन करने वालों का ऐसा मानना है कि यहां मांगने पर सारी मन्नतें पूरी होती हैं.

तो भैया ज़्यादा सोचिए मत, और बाबा के दरबार में मत्था टेक आइए. हो सकता है बाबा भी आपका इंतज़ार कर रहे हों…