इस समय पूरी दुनिया एक महामारी से जूझ रही है, जिसका नाम है ड्रग्स की लत. ये महामारी पहले अफ़्रीकी देशों तक ही सीमित थी, लेकिन धीरे-धीरे इसने अमेरिका समेत यूरोप में भी अपनी जड़ें फैला ली हैं. आज पूरी दुनिया के लाखों युवा ड्रग्स एडिक्ट हो चुके हैं. ड्रग्स की ओवर डोज़ के चलते हर साल पूरी दुनिया में क़रीब 72 हज़ार लोगों की मौत हो जाती है.

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आज हम ड्रग्स की लत का ज़िक्र इसलिए कर रहे हैं क्योंकि कुछ दिन पहले अमेरिका की एक न्यूज़ एंकर Angela Kennecke टीवी पर अपनी बेटी की मौत की ख़बर पढ़ रही थी. दरअसल, इस एंकर की 21 साल की बेटी एमिली की मौत ड्रग्स की ओवर डोज़ की वजह से हो गयी थी. बेटी की मौत के बाद जब वो ऑफ़िस लौटीं, तो उसने सबसे पहले पूरी दुनिया को इस महामारी से बचने की सलाह दी.

एंजेला ने न्यूज़ पढ़ते हुए कहा कि ‘इस समय पूरी दुनिया Opioid Crisis की चपेट में आ चुकी है. दरअसल, इस महामारी ने मुझे भी बेहद दुःख पहुंचाया है, इसी साल 16 मई को मैंने अपनी 21 साल की बेटी एमिली को ड्रग्स की ओवरडोज़ की वजह से खो दिया. आज पूरी दुनिया के युवा इस भयानक बीमारी की चपेट में आ चुके हैं. मैं अब भी यकीन नहीं कर पा रही हूं कि मुझे एक दिन अपनी बेटी की मौत की ख़बर न्यूज़ बुलेटिन के दौरान पढ़नी पड़ेगी. मेरे और मेरे परिवार के इस नुकसान की कोई क्षतिपूर्ति नहीं हो सकती. मेरी बेटी एमिली टैलेंटेड, स्मार्ट और सुंदर थी. मगर मैं अब ज़िंदगी में आगे बढ़ने के लिए मज़बूर हूं.

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Angela Kennecke पिछले 29 सालों से KELO-TV में बतौर एंकर काम कर रही हैं. एक सीनियर एंकर होने के नाते एंजेला ने अपने काम को तरजीह देते हुए अपनी बेटी की मौत की ख़बर पढ़ने का फ़ैसला किया, दरअसल, एंजेला इस बीमारी से लोगों को आगाह करना चाहती थी. उनका कहना था कि हमें इससे जल्द से जल्द निपटना होगा, मैं नहीं चाहती कि जिस तरह मैंने अपनी बेटी को खोया है कोई भी पेरेंट्स अपने बच्चे को खोए.

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कई बार हम पेरेंट्स अपने बच्चों की ओर ध्यान नहीं देते कि वो किस डायरेक्शन में जा रहे हैं. मुझसे भी यही ग़लती हो गई, मैंने उसे समझने में ग़लती कर दी. जब मुझे पता चला कि मेरी बेटी ड्रग्स एडिक्ट हो चुकी है, तो मैंने उसे इन सब चीज़ों से दूर रहने की सलाह भी दी थी, लेकिन वो इसे छोड़ नहीं पायी. मेडिकल रिपोर्ट में पाया गया कि उसने ड्रग्स की हैवी डोज़ ली थी, जिस कारण उसकी मौत हुई.

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किसी भी मां के लिए अपने बच्चे की मौत की ख़बर सुनना बेहद दर्दनाक होता है, लेकिन इस मां की हिम्मत को सलाम जिसने अपने दिल के टुकड़े को सिर्फ़ इसलिए खो दिया क्योंकि उसकी बेटी अपनी ज़िन्दगी अपने हिसाब से जीना चाहती थी. जब बच्चे ज़िद करने लगते हैं, तो मां-बाप उनकी ज़िद के आगे झुक जाते हैं, क्योंकि उन्हें उस वक़्त लगता है कि बच्चों की ख़ुशी में ही हमारी ख़ुशी है. जब यही बच्चे किसी बड़ी मुसीबत में फंस जाते हैं, तो मां-बाप को उस वक़्त अपनी ग़लती का एहसास होता है.

Source: dailymail