केरल के पलक्कड़ ज़िले के दीपक वर्मा ने 24 घंटे में 100 किलोमीटर से अधिक की पैदल यात्रा की और एक हाथ में एक पोस्टर भी पकड़ा हुआ था जिस पर लिखा था, “सार्वजनिक स्थान पर कूड़ा न फेंके”. मगर सिर्फ़ इस पोस्टर ने ही लोगों का ध्यान आकर्षित नहीं किया. 

दीपक, बेकार प्लास्टिक सामानों से बना कपड़ा(रोब) पहने हुए थे. वो सामान जो हम आए दिन सड़क पर फेंकते रहते हैं, जैसे की खाने-पीने के पैकेट, प्लास्टिक के सामान आदि. 

2 अक्टूबर को दीपक ने पलक्कड़ से एर्नाकुलम ज़िले के लिए पैदल यात्रा पूरी की, जिसमें 35 किलोग्राम प्लास्टिक का कचरा उनके शरीर से बंधा हुआ था. दीपक एक Environmentalist हैं और पलक्कड़ ज़िला सुचितवा मिशन में एक एक्सपर्ट की तरह काम कर रहे हैं. 

उन्होंने विक्टोरिया कॉलेज पलक्कड़ से 1 अक्टूबर की सुबह 8 बजे दो स्वयंसेवकों के साथ चलना शुरू किया और 24 घंटे के भीतर एर्नाकुलम दरबार हॉल के मैदान पर अपनी पदयात्रा ख़त्म की. 

The News Minute से की बातचीत में उन्होंने बताया, ‘ये यात्रा जनता के बीच जागरुकता पैदा करने के लिए थी कि सार्वजनिक स्थानों पर प्लास्टिक कचरे को न फेंके.’ 

जिस तरह लोग रोज़ कचरा इधर-उधर फेंक देते थे, उससे दीपक बहुत निराश होते थे. बाद में दीपक ने वन-मैन मिशन, ’24 Hour Clean India’ कैंपेन शुरू किया. शुरुआत में वो पलक्कड़ की एक गली या इलाक़ा चुन लेते थे और 24 घंटे के भीतर उस पूरे इलाके को अकेले साफ़ कर देते थे.   

बुधवार की जो पदयात्रा दीपक ने पूरी की थी वो उनका चौथा ऐसा सफ़ल मिशन था. उन्होंने बताया, ‘इस सैर के लिए मैंने शुरुआत में 1,400 प्लास्टिक वस्तुओं का चयन किया, जिनका हम दैनिक आधार पर उपयोग करते हैं. लगभग 700 प्लास्टिक कवर और 700 विभिन्न प्रकार की प्लास्टिक की बोतलें. उनमें से हमने 600 कम वजन वाली वस्तुओं का चयन किया और इसे मेरे कपड़े से सिला.’ 

फरवरी 2018 में दीपक ने अपना पहला 24 घंटे का कैंपेन किया था, जिसमें उन्होंने 4,000 किलो कचरा जमा किया था. एक ऐसी ही 16 किलोमीटर की पदयात्रा के दौरान दीपक ने 1 लाख से ज़्यादा चॉकलेट और टॉफ़ी के कागज़ जमा किए थे.