वो बचपना ही क्या, जिसमें कोई शैतानी न करे. भले ही बच्चे मां-बाप की नाक में दम कर देते हों, लेकिन बाद में उनकी यही शरारतें याद रहती हैं. Leo की मम्मी भी उसकी शैतानियों से परेशान रहती है. वो अपनी मां को चैन से बैठने नहीं देता. कुछ दिनों पहले Leo की मम्मी ने उसके कमरे के बाहर से लॉक लगा दिया, ताकि वो बाहर न ज सके, लेकिन उसने अपने घरवालों को हैरान कर दिया.

 

छोटू सा Leo थोड़ी ही देर में दरवाज़े को फांद कर बाहर आ गया.

 

 

 

 

उसकी मम्मी कहती है कि उसे चढ़ना बहुत पसंद है और इतनी सी उम्र में न तो उसे चढ़ने में डर लगता है और न ही आजतक चढ़ने हुए वो कभी गिरा है. Leo ने 6 महीने में ही इधर-उधल चढ़ना शुरू कर दिया था और अब तो वो किसी भी पालने, ऊंची चियर से बाहर आ जाता है.

 

इस केज जैसे दरवाज़े को भी उसने 10 मिनट में क्रॉस कर लिया. पहले उसने बड़े आदमियों की तरह दरवाज़े के डंडों पर ग्रिप बनाई और फिर जल्दी से दूसरी साइड आ गया.

उसकी मम्मी उसे बन्दर कहती है और बोलती है कि वो अपनी उम्र के हिसाब से बहुत ताकतवर है. वो 4 महीने का था, तब से चीज़ें उठाने लग गया था. मैं बहुत खुस हूं कि मैंने इतने स्ट्रॉन्ग बच्चे को जन्म दिया.