कुछ लोग ज़िंदगी पल-पल मर कर जीते हैं, तो कुछ लोग ज़िंदगी जीते हुए मरते हैं. दोनों बातों में फ़र्क सिर्फ़ इतना है कि जो लोग पल-पल मर कर जीते हैं वो ज़िंदगी जीने से डरते हैं और जो लोग ज़िंदगी जीते हैं, उन्हें किसी बात का डर नहीं होता.

दुनिया में कई ऐसी ख़तरनाक चीज़े हैं, जिन्हें देखकर या सुनकर ही आप डर जाते होंगे. ऐसा ही कुछ हाल Kuandinsky ब्रिज का भी है, जिस पर चलना सामने से अपनी मौत को दावत देने के बराबर है. 

ये ब्रिज रूस के ट्रांस-बैकाल क्षेत्र में बना हुआ. कुछ लोग एडवेंचर समझकर इस पर सफ़र करते हैं, तो कुछ लोग मजबूरी में.

इस ब्रिज को देखने के बाद आपके मन में सबसे पहला सवाल यही आएगा कि कोई इंसान इस पुल पर चल भी कैसे सकता है? क्योंकि रूस के विटिम नदी पर बने इस ब्रिज के अगल-बगल सहारे के लिए कोई रेलिंग भी नहीं बनी हुई है. 570 मीटर लंबे इस ब्रिज की चौड़ाई कई ज़गहों पर केवल 2 मीटर यानी 6 फ़ीट है. यही वज़ह है कि इस ब्रिज से गुज़रने वाले लोगों की सांसे एक पल के लिए मानो थम सी जाती हैं. 

ऐसा समझ लीजिए कि सावधानी हटी और दुर्घटना घटी.कुंडा गांव के 1500 लोग रोज़ अपनी जान पर खेलकर इसे पार करते हैं.

सर्दी का मौसम आते हीपूरी विटिम नदी बर्फ़ की तरह जम जाती है. इस दौरान ब्रिज से गुज़रने वाले लोगों को काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कार, जीप और ट्रकों के साथ भी लोग इसे पार करते हैं.

रूसी ब्लॉगर Sergey Dolya ने चलते हुए इस ब्रिज की फ़ोटो ख़िंची और बताया कि बहुत अज़ीब सी बात है कि अब तक इस ब्रिज से जुड़ी किसी भी दुर्घटना का ऑनलाइन रिर्काड नहीं है.

दरअसल, ये ब्रिज लोहे और पुरानी लकड़ियों से बनाया गया है, जो कि बैकाल-अमूर मेनलाइन से जाकर जुड़ता है. सरकार इस ब्रिज को अवैध मानती है. हैरान करने वाली बात ये भी है कि पिछले 30 सालों से इसकी मरम्मत भी नहीं हुई है.

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