मोदी सरकार के आने के बाद कई सारे बेकार हो चुके क़ानूनों को हटाया गया है और कई नए क़ानून भी बनाये गए हैं. देश का नागरिक होने के नाते आपको इन सभी क़ानूनों के बारे में पता होना चाहिए. नोटबंदी, प्रधानमंत्री जन-धन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, कौशल विकास योजना, जीएसटी और रेरा (रियल स्टेट रेगुलेटरी ऐक्ट) जैसे कई महत्वपूर्ण क़ानून हैं, जिन्हें लागू किया गया है.

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ये हैं वो मुख्य क़ानून, जो 2017 में बने:

1. जीएसटी

गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) एक जुलाई 2017 से लागू हुआ. जीएसटी काउंसिल ने 1200 से ज़्यादा वस्तुओं-सेवाओं के लिए टैक्स दरें तय की हैं.अलग-अलग टैक्स श्रेणियां बनाई गई हैं, जो 5 से 28 फ़ीसदी के बीच हैं.जीएसटी लागू होने के बाद सेंट्रल एक्साइज़ ड्यूटी, सर्विस टैक्स, एडिशनल कस्टम ड्यूटी (सीवीडी), स्पेशल एडिशनल ड्यूटी ऑफ़ कस्टम (एसएडी), वैट / सेल्स टैक्स, सेंट्रल सेल्स टैक्स, मनोरंजन टैक्स, ऑक्ट्रॉय एंड एंट्री टैक्स, परचेज टैक्स, लक्ज़री टैक्स खत्म हो गए हैं. इसे आज़ादी के बाद टैक्स सुधार का सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है.

2. तीन तलाक़

मुस्लिम महिला (विवाह अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2017 तीन तलाक या मौखिक तलाक को आपराधिक घोषित करता है और इसमें तलाक की इस प्रथा का इस्तेमाल करने वाले के खिलाफ़ तीन साल की जेल व जुर्माने का प्रावधान है.

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3. रेरा(रियल एस्टेट रेगुलेटरी एक्ट)

इस क़ानून के अनुसार,देश के हर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश को अपनी रेगुलेटरी अथॉरिटी बनानी होगी जो क़ानून के मुताबिक नियम-कानून बनाएगी. मकान खरीददारों की शिकायत रहती थी कि उनकी हितों की रक्षा के लिए कोई क़ानून नहीं है, जिसके बाद साल 2016 में संसद में रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 अर्थात रेरा पास हुआ था. हालांकि देश में रेरा क़ानून की सभी 92 धाराएं 1 मई 2017 से लागू की गयीं.

इस नए एक्ट के तहत बिल्डर को अपने प्रोजेक्ट का पंजीकरण कराना होगा, इसके साथ ही प्रोजेक्ट पूरा करने की टाइमलाइन भी बतानी होगी.

4. IIIT एक्ट 2017

इस साल इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी बिल भी पास हुआ है. यह अधिनियम तकनीकी भारतीय संस्थानों के लिए राष्ट्रीय महत्व संदर्भ प्रदान करता है. तकनीकी क्षेत्र में उन्नत और विस्तृत ज्ञान के विकास के उद्देश्य से इसे पास किया गया है.

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5. कम्पनी एक्ट 2017 (संशोधन)

27 जुलाई 2017 को इस एक्ट में संशोधन किया गया. इस बिल को 2013 में बने क़ानून की जटिलताओं को सरल करने के लिए पास किया गया था. कॉरपोरेट गवर्नेंस के साथ बेहतर और आसान व्यावसायिक परिचालन प्राप्त करने के लिए ये संशोधन किया गया था.

इसके अलावा भी कई क़ानूनों में संशोधन और बदलाव किये गए. शत्रु संपत्ति कानून संशोधन विधेयक संसद में पास हुआ, दहेज कानून का दुरुपयोग रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला सुनाया, लोकसभा में इनसॉल्‍वेंसी एंड बैंकरप्‍सी कोड में संशोधन संबंधी बिल पास हुआ, दिवाला संशोधन विधेयक 2017 को लोकसभा से मंजूरी मिली. कहा जा सकता है कि सकारात्मक बदलाव लाने वाले क़ानून लाने के मामले में ये साल अच्छा रहा.