सोचिए क्या हो, अगर आपमें झूठ पकड़ने की कला हो. मतलब अगर ऐसा हो तो, आपको कभी कोई धोखा दे ही नहीं पाएगा. पुलिस की सरकारी नौकरी आपको सिर्फ़ मुजरिमों के झूठ पकड़ने के लिए मिल जाएगी, और तो और आप देश के भ्रष्ट नेताओं के झूठे वादों के खिलाफ़ भी काम कर सकते हैं.

खैर, ये तो हुई काल्पनिक बातें. लेकिन क्या हो अगर हम आपको वो ट्रिक बता दें, जो देश की ख़ूफ़िया एजेंसी अपनाती हैं.अमेरिकी खुफ़िया एजेंसी एफ.बी.आई. में 30 साल तक काम कर ​चुके Mark Bouton ने अपनी किताब “How to Spot Lies Like the FBI” में उन सभी तरीकों का ज़िक्र किया है, जिससे आप झूठ बोलने वाले का चेहरा देख कर पता ​कर सकते हैं कि कब वो झूठ बोल रहा है. उन्होंने बताया कि व्यक्ति के कई तरह के रिएक्शन और चेहरे के हाव भाव होते हैं, जिससे आप पता कर सकते हैं कि वो झूठ बोल रहा है. इनमें से कुछ घबराहट, रासायनिक प्रतिक्रियाओं या शारीरिक प्रतिक्रियाओं से पता चल जाता है.

Bouton ने इन्हीं तरीकों का इस्तेमाल करते हुए ओकलाहोमा सिटी बमबारी के संदिग्ध Timothy McVeigh को पकड़ा था.

Bouton ने बताया कि किसी का झूठ पकड़ने के लिए पहले उससे आम बात कर लें. पहले उनसे आम से सवाल पूछें, ऐसे सवाल जिससे उसे बुरा न लगे. इससे आपको पता चल जाएगा कि वो आमतौर पर किस तरह की प्रतिक्रिया देता है. उसके बाद जब आप उसके हाव-भाव में बदलाव देखेंगे, तो आसानी से पता कर सकते हैं कि वो कब झूठ बोल रहा है.

ये एक शारीरिक प्रतिक्रिया है, जब कोई असहज महसूस करता है या ऐसे सवालों से घिर जाता है, जिसका वो जवाब नहीं देना चाहता.

आमतौर पर व्यक्ति एक मिनट में 10 से 12 बार पलके झपकाता है. लेकिन किसी तरह की टेंशन होने पर जब व्यक्ति को पता हो कि वो झूठ बोल रहा है, वो लगातार 6 से 7 बार लगातार पलके झपकाता है.

Bouton ने बताया कि किसी का ऐसे 1 सेकंड से ज़्यादा आंख बंद करना डिफेंस मिकैनिज़म का तरीका है. आमतौर पर लोग एक सेकंड के 0.10 से 0.40 हिस्से में पलक झपका लेते हैं.

Bouton का कहना है कि जो व्यक्ति दाएं हाथ से काम करता है, वो अगर ऊपर बाएं तरफ़ देख कर कुछ सोच रहा है, तो वो सच में पूछी गई बात के बारे में सोच रहा है. साथ ही उसी दृश्य को याद कर रहा होता है. अगर वो दाएं तरफ़ देखता है, तो वो मन ही मन कुछ और जवाब सोच रहा होता है. जो लोग बाएं हाथ का इस्तेमाल करते हैं. उनकी प्रतिक्रिया इसकी ठीक उल्टी होती है.

अगर आप किसी Right Handed व्यक्ति से सुनी-सुनाई बातों के बारे में पूछते हैं, तो वो अपनी आंख को बांए कान की तरफ़ कर के, उसके मन ही मन याद करता है. यही व्यक्ति अगर दाएं तरफ़ देखता है, तो वो झूठ के बारे में सोच रहा होता है.

अगर कोई Right Handed व्यक्ति किसी गंध के बारे में बताता है, जो उसने महसूस की है, या कोई अनुभव तो वो नीचे की ओर अपने बाएं तरफ़ देखता है. अगर वो दाएं तरफ़ देखता है, तो वो झूठ बोल रहा है.

Bouton के मुताबिक, जब कोई सच में हंसता है, तो उसकी आंखों के पास की चमड़ी सिकुड़ जाती है.

उन्होंने बताया कि झूठ बोलने से चेहरे में रसायनिक प्रतिक्रिया होती है, जिससे चेहरे पर खुजली होती है. ऐसे में व्यक्ति बार-बार अपना चेहर छूता है.

झूठ बोलते वक्त इंसान का मुंह और होठ सूखने लकते हैं. वो उसे गीला करने के लिए कुछ न कुछ करता है. जब व्यक्ति के होठ सूख जाते हैं. तो वो हलके सफ़ेद हो कर और फटने लगते हैं.

झूठ बोलने से माथे पर, गालों पर और गले के पीछे पसीना आता है. जब व्यक्ति उसे पोछता है, तो ज़ाहिर है कि आप उसे पकड़ सकेंगे.

ये रिएक्शन अकसर Sympathetic Nervous System की वजह से होता है, जिसमें या आप मामले से लड़ते हैं या बच कर निकलना चाह रहे होते हैं.

आमतौर पर जब लोग सच बोलते हैं, तो वो अपना सिर आगे की ओर हिलाते हैं. लेकिन अगर वो दाएं बाएं अपना सिर हिलाएं तो समझ जाइए कि वो अपनी बात से इत्तेफ़ाक नहीं रख रहे. 

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