देवों के देव महादेव भगवान शिव सौम्य आकृति और रौद्ररूप, दोनों के लिए विख़्यात हैं. भगवान शिव को संहार का देवता कहा जाता है, इसके साथ ही इन्हें बाकि देवताओं से काफ़ी भिन्न भी माना गया है. कहते हैं महादेव के एक नहीं, बल्कि कई रूप हैं और इन सभी रूपों से कुछ न कुछ सीखा जा सकता है.  

अगर आपने भगवान शिव के जीवन से ये 11 चीज़ें सींख ली, तो ज़िंदगी की कई समस्याएं पल भर में दूर हो जाएंगी:  

1. बुरी चीज़ें कभी बर्दाशत नहीं करनी चाहिये 

महादेव विनाशक के रूप में जाने जाते हैं. उन्होंने सही तरीका अपनाकर कई राक्षसों का विनाश भी किया. इसलिये अगर आप अपने आस-पास कोई बुरी चीज़ होती हुई देख रहे हैं, तो चुप मत रहिये और उसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाइये.  

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2. अच्छा जीवन जीने के लिये आत्म नियंत्रण ज़रूरी है 

जीवन में अगर कुछ हासिल करना चाहते हैं, तो आत्म नियंत्रण होना चाहिये क्योंकि इंसान का फ़ोकस खोते ही वो इच्छाओं और व्यसनों का शिकार हो जाता है. इसलिये जीवन में कुछ करने के लिये दिमाग़ को अपने लक्ष्यों और दिल के साथ जोड़ कर रखना बहुत ज़रूरी है.  

3. शांत रह कर आगे बढ़े 

कहते हैं भगवान शिव ने ब्रह्मांड की भलाई के लिये लंबे समय तक तपस्या की थी. इस वजह से उन्हें ‘महा योगी’ भी कहा जाता है. हांलाकि, शिवजी का ध्यान तभी टूटता था, जब कोई बहुत बड़ी बाधा सामने आती हथी. इसका मतलब ये है कि जीवन में कई ऐसे पल आते हैं, जब हम अपने लक्ष्य से भ्रमित हो सकते हैं या कोई कर देता है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए. बड़ी से बड़ी स्थिति में भी शांत रहकर आगे बढ़ा जा सकता है.  

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4. धन-दौलत से मिलने वाली ख़ुशी स्थाई नहीं होती  

अगर आप भगवान शिव की पोशाक पर नज़र डालेंगे, तो दिखाई पड़ेगा कि वो डमरू और त्रिशूल के अलावा कुछ नहीं रखते थे. ठीक वैसे ही अगर आप भौतिकवाद और धन-दौलत की मोह-माया से दूर हैं, तो आपके जीवन में किसी चीज़ की कोई कमी नहीं हैं. क्योंकि ये सारी चीज़ें आपको जीवन में सिर्फ़ कुछ पल के लिये आनंद दे सकती हैं, सदा के लिये नहीं. इसलिये बेहतर होगा कि जीवन की छोटी-छोटी चीज़ों में ख़ुशियां ढूंढें.  

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5. नकारात्मकता को कैसे दबाया जाए? 

कहते हैं कि महादेव ने देवताओं और अन्य लोगों को बचाने के लिये समुद्र मंथन से निकला ज़हर निगल लिया था. ऐसे ही हमें भी चीज़ों की नकारात्मकता दबा कर उसे सकारात्मकता में बदलना आना चाहिये. इससे न सिर्फ़ हमारी प्रगति होती है, बल्कि कई और लोगों की ज़िंदगी भी संवर जाती है.  

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6. इच्छाएं जुनून पैदा करती हैं और जुनून विनाश 

इच्छा मुक्त होने के बाद से महादेव ने कभी भी किसी चीज़ के प्रति ज़्यादा ध्यान नहीं दिया. क्योंकि ये सच है कि अकसर इंसान अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिये ख़ुद का ही विनाश कर लेता है.  

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7. अपने पार्टनर की इजज़्त करनी चाहिये 

माता पर्वती भगवान शिव के शरीर का आधा हिस्सा थी. महादेव ने मां पार्वती को हमेशा वो अधिकार और सम्मान दिया, जिसकी वो हकदार थीं.  

8. अंहकार को नियंत्रिण में होना चाहिये 

भगवान शिव ने अपने अंहकार को नियंत्रण में रखने के लिये त्रिशूल धारण किया था. इसके साथ ही वो कभी किसी का अंहकार बर्दाशत भी नहीं करते थे. इस बात का मतलब ये है कि जीवन में कभी किसी चीज़ को लेकर अंहकार नहीं करना चाहिये और न ही किसी का अंहकार सहना चाहिये. 

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9. किसी भी चीज़ में शामिल होने से पहले उस पर ढंग से रिसर्च करें 

शिवजी के बालों में बंधी गंगा नादानी का प्रतीक हैं. इसलिये कोई भी काम करने से पहले आपको पता होना चाहिये कि आप क्या और क्यों करने जा रहे हैं. 

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10. कुछ भी स्थाई नहीं है 

भगवान शिव हमेशा ही मोह माया से दूर रहे, क्योंकि वो जानते थे कि जो आज है, वो कल नहीं होगा. समय बदलता है और समय के साथ-साथ सारी चीज़ें भी बदल जाती हैं.