‘मौत का कुआ’ सुनने में ही ये जगह कितनी डरवानी लगती है. लेकिन एक औरत है जो इस जगह पर राज करती है. हज़ारो की संख्या में लोग उसे देखने के लिए इकट्ठा होते हैं.
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राधा भारत की उन कुछ महिलाओं में से है जो मौत के कुएं में स्टंट करती है. वो पिछले बीस साल से मौत का कुआं का हिस्सा है. ये वो जगह है जहां स्टंट करने वाले की एक ग़लती से उसकी और उसके साथियों की जान पर बन सकती है.
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Vice Australia ने ये स्टोरी को कवर की है, फ़ोटोग्राफ़र Ken Hermann और कला निर्देशक Gemma Fletcher ने महाराष्ट्र के सोलापुर में लगे मेले में जाकर मौत के कुएं में गाड़ी से स्टेंट करने वाले चालकों को कहानी कैमरे में क़ैद की.
राधा तब सिर्फ़ 13 साल की थी जब वो इस ख़तरनाक पेशे के साथ जुड़ी थी, वो न सिर्फ़ इस खेल का हिस्सा बनी बल्की एक खिलाड़ी भी बनी. हालांकि राधा के बॉस को एक 13 साल की लड़की की काबीलियत पर भरोसा नहीं था, उनको राधा के मां-बाप की सहमति चाहिए थी.
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जब मां-बाप ने राधा के इस काम के लिए हामी भरी, तब उसका ड्राइविंग टेस्ट हुआ. इस टेस्ट को राधा ने बहुस आसानी से पास कर लिया. उसे कर सब आश्चर्यचकित थे. कुछ ही दिनों में वो सबकी पसंदीदा बन गई.
फ़ोटोग्राफ़र Ken Hermann ने एक घटना को याद करते हुए कहा कि जब राधा गाड़ी चलाते हुए उसकी छत पर चढ़ जाती है, वो काफ़ी डरावना था.
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आज, राधा अपने साथ काम करने वालों से ज़्यादा कमा लेती है. ऐसा इसलिए नहीं क्योंकि वो एक महिला है, बल्कि अपने दिमाग और काम की वजह से. देखने वाले भी राधा के काम की इज़्ज़त करते हैं. राधा के रिकॉर्ड में एक भी दुर्घटना दर्ज नहीं है.
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इन बातों के बावजूद, मौत का कुंआ एक ख़तरनाक खेल है. हालांकि यहां दुर्घटनाएं कम ही होती हैं, इंडियन एक्स्प्रेस के अनुसार इस काम से जुड़े लोगों के पास इस खेल में हुई दर्घटनाओं का कोई आंकड़ा मौजूद नहीं है.
राधा और उस जैसे तमाम लोगों की बहादुरी को सलाम, जो इस खेल में अपने जान दांव पर लगाते हैं.