भारतीय संस्कृति के सभी पहलुओं को समझने के लिए संगीत एक बेहतर माध्यम हो सकता है. यहां हर अवसर पर संगीत का रिवाज़ है. देश के हर कोने की अपनी संस्कृती है, अपना संगीत है. यहां आपको ऐसे कई वाद्य यंत्र भी मिल जाएंगे, जिन्हें आमतौर पर किसी और संगीत पद्धति में सुनना मुश्किल है.
ये 10 वाद्य यंत्र आपको भारत की ही मिट्टी में सुनने को मिलेंगे.
1. पेपा
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भैंस के सींग से बना ये वाद्य यंत्र मुख्यत: असम के संगीत बिहू का हिस्सा है. इसे पुरुष बिहू कलाकार बजाते हैं. पेपा की तुलना बांसुरी से भी की जाती है. अलग-अलग समुदाय में इसे अलग-अलग नाम से जाना जाता है.
2. पखावज
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गैलन के आकार के इस वाद्य यंत्र को मृदंग नाम से भी जाना जाता है. ये देखने में ढोलक जैसा है और इसे तबले की तरह ट्यून किया जाता है. इसे एक सहयोगी वाद्य यंत्र के तौर पर नृत्य और गाने के आयोजन में इस्तेमाल किया जाता है.
3. Padayani Thappu
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Padayani Thappu एक प्रकार का भारतीय ड्रम है. इसका किनारा लकड़ी से बना होता है और एक तरफ़ का हिस्सा चमड़ा से बना होता है. इसे हाथ से बजाया जाता है.
4. अलगोजा
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राजस्थानी और पंजाबी संगीत में अलगोजा का इस्तेमाल होता है. बलोच और सिंधी संगीतकारों ने इसे बखूबी अपनाया है. ये देखने में दो बासुरियों जैसा लगता है. इसे दोनों हाथों से बजाया जाता है.
5. सुरसिंगार
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सरोद से मिलते-जुलते इस वाद्य यंत्र का आकार सरोद से बड़ा होता है. इसकी आवाज़ भी सरोद से गहरी होती है. इसे लकड़ी, चमड़ा और धातु से बनाया जाता है. सुरसिंगार के तारों को धातु से बजाया जाता है.
6. गुबगुबा
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पहली नज़र में ये छोटा तबला लग सकता है, लेकिन ये तबले से बिल्कुल अलग है. इसका एक हिस्सा दो तार से बंधा हुआ होता है, जो कि यंत्र के दूसरी छोर से जुड़ा होता है. गुबगुबा को एक हाथ से बगल में दबा कर दूसरे हाथ से बजाया जाता है. अलग-अलग जगहों पर इसे अलग-अलग नाम से जाना जाता है.
7. Kuzhal
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Kuzhal को केरल के मंदिरों और त्योहारों में देखा जा सकता है. अक्सर लोग शहनाई और Kuzhal में भ्रमित हो जाते हैं. Kuzhal की ध्वनी शहनाई की ध्वनी से तीखी होती है.
8. डुगडुगी
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तमिलनाडु के लोकसंगित में डुगडुगी का ख़ास स्थान है. इस वाद्य यंत्र को सभी भारतीय भगवान शिव के डमरू के तौर पर भी जानते हैं. छोटे आकार के इस वाद्य यंत्र से इसकी दो सतहों पर चोट करके ध्वनी उत्पन्न की जाती है.
9. संबळ
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पूर्वी भारत के संगीत में इस वाद्य यंत्र को उपयोग होता है. ड्रम के जोड़े आपस में जुड़े होते हैं. दोनों की ध्वनी में अंतर होता है. संबळ को स्टिक से बजाया जाता है. इसका ऊपरी हिस्सा चमड़े से बना होता है.
10. रावण हत्था
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नाम से ही प्रतीत होता है कि इसका वास्ता श्रीलंका से है. भारत के कई हिस्सों में ये रावण हत्था बजाया जाता है. इसमें तार लगे हुए होते हैं और इसे वायलिन की तरह बजाया जाता है.