‘वो आसमां पंखों से नहीं हौसलों से हासिल करते हैं
सब ख़त्म कभी नहीं होता, एक शुरुआत हमेशा बाकी रहती है. शुरुआत एक ऐसे सफ़र की जिनके रास्तों पर मुश्क़िलें नहीं, बल्कि मंज़िल पर पहुंचने का जुनून दौड़ता है. गुजरात के वडोदरा के रहने वाले शिवम सोलंकी उन जुनूनी लोगों में से ही एक हैं. कुछ साल पहले शिवम ने एक एक्सीडेंट में अपने दोनों हाथ और एक पैर गंवा दिए थे. लेकिन इसके बाद भी उसने ख़ुद को असक्षम नहीं समझा. शिवम ने गुजरात बोर्ड से 12वीं का एग्ज़ाम दिया और साइंस स्ट्रीम से पढ़ते हुए 92 फ़ीसदी स्कोर किया है.
ANI से बातचीत करते हुए शिवम ने कहा, ‘मैं डॉक्टर बनना चाहता हूं. अगर नहीं, तो मैं ऐसी ही किसी दूसरी सेवा में जाना चाहता हूं.’
Gujarat: Shivam Solanki, who lost his arms & a leg in an accident at the age of 12, has scored 92% marks in state board exams for the science stream of Class 12. “I want to become a doctor, if not, I want to serve people by joining any other related service,” he says. (20.5.2020) pic.twitter.com/vo6or3k7rb
— ANI (@ANI) May 22, 2020
रिपोर्ट्स के मुताबिक़, जब शिवम 12 साल का था, तो उसके साथ एक दर्दनाक हादसा हो गया था. दरअसल, छत पर पतंग उड़ाते वक़्त वो हाई-टेंशन तार की चपेट में आ गया था, जिसमें उसके दोनों हाथ और एक पैर कट गए थे.
हालांकि, ये हादसा शिवम की हिम्मत को नहीं तोड़ सका, बल्क़ि उन्होंने और ज़्यादा ध्यान अपने करियर पर देना शुरू कर दिया. शिवम ने कड़ी मेहनत से अपनी कुहनियों से लिखना सीख लिया और 10वीं की परीक्षा में 89 फ़ीसदी अंक हासिल किए.
शिवम के पिता ने एक इंटरव्यू में बताया कि, ‘उसे स्कूल की तरफ़ से बहुत मदद और सपोर्ट मिला है.’ ये उस वक़्त की बात है, जब शिवम 12वीं की परीक्षा देने जा रहा था और अब उसकी कड़ी मेहनत का परिणाम भी आ गया है.
यक़ीनन शिवम की ये उपलब्धि इस बात की मिसाल है कि अगर हौसला बुलंद हो तो बड़ी से बड़ी मुसीबत भी आपके सामने घुटने टेकने को मजबूर हो जाएगी.