हर साल उत्तर प्रदेश के प्रतापगड़ में एक दिन ज़रूर हलचल मचती है. क्योंकि उस दिन ओम प्रकाश पालिवाल अपनी दुकान खोलते हैं.
ओम प्रकाश साल में सिर्फ़ एक दिन के लिए ही मालपुए की दुकान को खोलते हैं. वो दिन होता है हरियाली अमावस्या का. इस परिवार की पिछली तीन पीढ़ियाों ये काम करती आ रही है.
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ये परिवार अपनी पारंपरिक कला को सहेज कर रखे हुए है. इनकी एक ख़ासियत ये भी है कि ये मालपुआ पत्ते पर परोसते हैं.
60 साल से ये परंपरा चली आ रही है. जिस दिन ओम प्रकाश की दुकान खुलने वाली होती है, सुबह से ही दुकान के आगे चहल-पहल शुरू हो जाती है.
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परंपरा की बात करें तो एक और परंपरा है, जिसको इस परिवार ने सहेज रखा है. ये अपनी दुकान पर हाथ से बना ताला ही लगाते हैं. इनका दावा है कि हाथ से बना ताला ज़्यादा मजबूत होता है.