अगर आप इस नये साल अकेले हैं तो चिंता करने की बात नहीं है. आप जैसे दुनिया में बहुतेरे लोग ये नया साल भी अकेले ही सेलिब्रेट कर रहे हैं. लेखक भी उन लोगों में से एक है. आज सुबह से हर कोई पूछ रहा है कि क्या प्लान है? इस सवाल का सामना मैं सुबह से कई बार कर चुका हूं. लेकिन मेरे प्लान्स मैं ही जानता हूं जिन्हें मैं अपने दोस्तों को नहीं, अनजान लोगों को बताना चाहता हूं. अगर आप इस वक़्त अकेले हैं तो ये आर्टिकल मैं आपके, और अपने लिए लिख रहा हूं.
1. अनजान रास्तों पर बिना कुछ सोचे हुए मैं चलता जाऊंगा. नये साल की इस घड़ी मैं किसी भी मंज़िल पर नहीं पहुंचना चाहता, बिना किसी लक्ष्य ज़िंदगी का लुत्फ़ उठाउंगा. रास्तों को ही अपनी मंज़िलें बनाऊंगा
2. सोचना नहीं इस दिन, बस जो जी चाहे वो करना है
3. अपने ज़हन से निकले अरमानों को शब्द के पंख दूंगा
4. अनजान चेहरों को देख कर बिना वजह मुस्कुराऊंगा मैं
5. अकेले होने के बाद भी अकेला महसूस नहीं करना मुझे
6. बिना वजह चीखना है, मुस्कुराना है, गुनगुनाना है और वो सब कर जाना है, जो फ़िर कभी न मैं कर सकूं और न ही वक़्त मुझे वो करने दे
7. अपने आस-पास के मौजूद किरदारों को महसूस करूंगा
8. आज रात इस शहर की आबो-हवा को मैं अपनी जेबों में भर लूंगा
9. आज रात झींगुरों से गुफ्तगू करनी है मुझे
10. कमरे पर मौजूद हर एक सामान आज मेरा साथी होगा
2015 मेरा बहुत अच्छा दोस्त थाधीरे-धीरे चलता थाकतरे जैसा था वोउसके कदमों की सरसराहट मैंने जाते वक़्त महसूस कीमैं जानता था वो वापस नहीं आयेगाउसकी रवानगी के दौरान मैंने अपनी यादों की जेबों में उसके कुछ निशां समेट लिये
कल 2016 आयेगाकुछ दिन तो मैं 2015 से ही दोस्ती रखूंगाउसे ही याद करूंगा2016 के सामने मैं 2015 की तारीफ़ करूंगा2016 चिढ़ जायेगामैं 2015 को मिटा कर उसे मनाऊंगाउसकी बाहें थाम कर कई राहें तय करनी हैं मुझेडायरी से लेकर सैलरी स्लिप में वो मिलता रहेगाहर रोज़ कम्प्यूटर की स्क्रीन पर दिखता रहेगाकई सारे प्लान उससे जुड़ जायेंगेएक रिश्ता सा हो जायेगा हमारा एक दिन 2016 भी चला जायेगाशायर उसे भी नहीं रोक पायेगाबस उसकी याद में कविता लिख जायेगा (प्रियोदत्त)