कई धर्म और सुमदाय ऐसे हैं, जहां दो रिश्तेदार आपस में शादी नहीं कर सकते, वहीं कई धर्मों और समुदायों में ये बात लागू नहीं होती. क्या आपको भी ऐसा लगता है कि ये रीति-रिवाज़ मॉर्डन सोसायटी द्वारा बनाए हुए, तो ऐसा बिल्कुल नहीं है, बल्कि ये सभ्यता 34,000 हज़ार पुरानी है.

दरअसल, Cambridge University और The University of Copenhagen के वैज्ञानिकों के इस शोध से पता चला है कि आज से 34,000 साल पहले Prehistoric Humans ने अपने कुनबे के लोगों के साथ कभी Inbreeding (अन्त: प्रजनन) नहीं की. Prehistoric Humansका मानना था कि इसके घातक परिणाम भी सामने आ सकते हैं, लेकिन Neanderthals के साथ ऐसा नहीं था, 50 हज़ार पहले उन्होंने कभी भी Inbreeding से परहेज़ नहीं किया.

रिसर्च में भी बताया गया है कि Inbreeding, Neanderthals के जल्दी विलुप्त होने का एक कारण भी हो सकती है. वैज्ञानिकों ने Russia की Upper Palaeolithic Site, Sunghir के चार Anatomically-Modern Humans पर रिसर्च भी किया. वैज्ञानिकों ने पाया कि आस-पास दफ़नाए गए इन लोगों का DNA मैच नहीं हो रहा, यानि ये लोग Inbreeding से ख़तरे से वाकिफ़ थे. इसके साथ ही क्रब में दो बच्चों की भी लाशें मिली, उनके भी DNA अलग थे.

इतना ही नहीं, इन लोगों के पास से ख़ास तरीके के गहने भी प्राप्त हुए, यानि एक-दूसरे से मीटिंग का सिलसिला उस दौर से ही चला आ रहा है. St John’s College के एक प्रोफ़ेसर Eske Willerslev का कहना है, ‘इसका मतलब साफ़ है कि Upper Palaeolithic के लोग, जो कि छोटे-छोटे समूह में रह कर ज़िंदगी व्यतीत करते थे, उन्हें Inbreeding के लाभ और हानि के बारे में अच्छे से जानकारी थी और वो इसके महत्व को भी समझते थे.’

उन्होंने ये भी बताया कि हमें जो डेटा प्राप्त हुआ उससे एक चीज़ तो साफ़ है कि इन लोगों का उद्देश्य एक प्रणाली को आगे बढ़ाना था. Sunghir में एक पुरुष और दो युवाओं के भी अधूरे अवशेष और कुछ सामान मिला है. शोधकर्ताओं का मानना है कि Sunghir लोग 25 लोगों के छोटे से ग्रुप में रहते थे, साथ ही ये 200 लोगों के एक समुदाय का भी हिस्सा था.

University of Copenhagen के प्रोफ़ेसर Martin Sikora का कहना कि फ़िलहाल इस रिसर्च पर काफ़ी सावधानी के साथ काम करना चाहिए, साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हमें नहीं पता कि Neanderthal ग्रुप Inbred क्यों था. इसका एक कारण उनका Isolated होना भी हो सकता है, या फिर सुमदाय में महिलाओं के अभाव के चलते Inbreeding उनकी मजबूरी हो.

यूनिवर्सिटी की इस शोध को Journal Science Suggests में पब्लिश भी किया गया है, हलांकि वैज्ञानिकों ने ये साफ़ कर दिया कि है, ये बातें रिसर्च का सिर्फ़ एक हिस्सा हैं, पुख़्ता प्रमाण के लिए अभी और रिसर्च बाकी है.