नवाबों के शहर लखनऊ के एक शख़्स ने ये ट्वीट किया:

अभिषेक मिश्रा नाम के इस व्यक्ति ने लिखा कि उन्होंने Ola Share की कैब इसलिए कैंसिल की, क्योंकि ड्राईवर एक मुस्लिम था और वो अपने क़ीमती पैसे ‘जिहादी लोगों’ पर ख़र्च नहीं करना चाहते.

अभिषेक के इस ट्वीट के बाद से ही ट्विटर पर लोगों की कई प्रतिक्रियाएं आई हैं, जिनमें अधिकतर में उनकी इस सोच पर सवाल किया गया है.

अभिषेक मिश्रा का ट्विटर Bio, उन्हें एक ‘हिन्दुत्व विचारक’, विश्न हिन्दू परिषद का डिजिटल और सोशल मीडिया एडवाइज़र बताता है. 

इस व्यक्ति को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान फ़ॉलो करते हैं.

इस तरह के भेदभाव वाले ट्वीट पर ट्विटर पर मिले-जुले रिएक्शन देखने को मिले. कुछ लोग अभिषेक की तारीफ़ कर रहे थे. वहीं कुछ उसके इस तरह के व्यवहार को ग़लत बता रहे थे.

1. मुझे ऐसा भारत याद है जहां ऐसे विचार रखने वालों का अनुकरण नहीं, बहिष्कार किया जाता था.

2. धर्म के नाम पर भेदभाव बंद करो. ड्राइवर को अपने कम्युनिटी से जोड़ने का एक ज़रिया की तरह देखना चाहिए. मुझे यक़ीन है कि तुम में और उस ड्राईवर में कई समानताएं होंगी.

3. इन्होंने यूज़र, Ola कैब्स से गुज़ारिश करते हुए कहा कि अभिषेक को उनकी सर्विस का इस्तेमाल करने से बैन किया जाये.

4. वरिष्ठ पत्रिकार राहुल देव का ट्विट.

5. ऐसे लोग ही देश के लिए असल ख़तरा हैं. नफ़रत के लिए इस समाज में कोई जगह नहीं है.

समर्थन में किए गए ट्वीट्स-

1. इनके हिसाब से अभिषेक सही है.

2. गर्व हो रहा है इन्हें.

3. ‘हम में से बहुत से लोग ऐसा करते हैं क्योंकि इस्लामिक ड्राइवर्स का व्यवहार सही नहीं होता.’ अच्छा है कोई तो अपने विचार रख रहा है.

4. आज़ादी के नाम पर…

ट्विटर पर छिछालेदर होने के बाद अभिषेक दोबारा सफ़ाई देने आया:

लोग मुझ पर बरस पड़े हैं. क्या मेरे पास चुनने का अधिकार नहीं है? अगर वो कैब में लगे हनुमान जी के पोस्टर के खिलाफ़ कैंपेन चला सकते हैं, कठुआ की घटना के आधार पर हिन्दुत्व पर और हिन्दु देवी-देवताओं पर लांछन लगा सकते हैं, तो मेरे जवाब के लिए भी तैयार रहना.

Ola ने भी इस वाकये पर अपनी प्रतिक्रिया दी:

हमारे देश की तरह ही Ola एक सेक्युलर प्लैटफ़ॉर्म है और हम अपने ड्राईविंग पार्टनर्स, कस्टमर्स के बीच जाति, धर्म, लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करते. हम अपने सभी ड्राईवर्स और कस्टमर्स से एक-दूसरे के प्रति सम्मानभाव रखने की अपील करते हैं.

एक रिपोर्ट के अनुसार Ola, इससे पहले 2015 में भी अपने ड्राइवर्स के साथ खड़ी हुई थी. उस वक़्त एक यूज़र, Seelam Veerapa Naidu ने हिन्दू ड्राईवर की मांग की थी, जिसे Ola ने ख़ारिज करते हुए कहा था, ‘माफ़ कीजिये. हम ड्राईवर्स के बीच धर्म के आधार पर भेद-भाव नहीं करते.’

भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में ये किस तरह की सोच पनप रही है? 

Source- Outlook India