कभी-कभी कुछ ऐसे किस्से सामने आ जाते हैं, जिन्हें सुनकर लगता है कि दुनिया में इंसानियत बची ही नहीं है. इस घटना को देखकर राजेश खन्ना की फ़िल्म का वो गाना याद आ गया,

नफ़रत की दुनिया को छोड़कर प्यार की दुनिया में ख़ुश रहना मेरे यार…इस गाने में एक लाइन थी, एक जानवर की जान आज इंसानों ने ली है…

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ऐसा ही कुछ दिल्ली के पीतमपुरा इलाके में हुआ है. जहां राकेश सदीजा नाम के शख़्स ने, जो पेशे से ड्राइवर है, एक Puppy को अपनी गाड़ी से कुचल दिया. आपको बता दें कि Puppy की मौत Veterinary Hospital में ही हो गई. ये पूरी घटना उस एरिया के सीसीटीवी फ़ुटेज में कैद हो गई.

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सीसीटीवी फ़ुटेज के आधार पर उस एरिया की सुखमनी सेठी ने पुलिस में रिपोर्ट लिखाई. पुलिस ने ड्राइवर को गिरफ़्तार कर लिया था. मगर बीते शनिवार, ड्राइवर को ज़मानत पर छोड़ दिया गया है.

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ऐसी हरक़त करने वाले ड्राइवर को ज़मानत पर छोड़ देना सही है?

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ऐसा क्यों होता है कि कुछ लोगों को महंगी-सी कार में बैठने के बाद पैदल चलने वाले इंसान या जानवर नहीं दिखते. वो ये क्यों भूल जाते हैं कि उन्होंने जिनको चोट पहुंचाई है, वो भी किसी की फ़ैमिली हैं?

Source: news18