ये ख़बर तो आप सबको पता चल ही गई होगी कि Nokia अपने बेहद पॉपुलर रह चुके मोबाइल फ़ोन Nokia 3310 को रीलॉन्च करने जा रहा है. अपनी मजबूती और लंबी बैटरी लाइफ़ के लिए पहचाने जाने वाले इस फ़ोन ने मोबाइल युग की शुरुआत की थी. आपको बता दें कि इससे पहले के मोबाइल्स बहुत बड़े होते थे. और ये कहना गलत नहीं होगा कि इसकी मजबूती की मिसाल आज भी दी जाती है.

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गौरतलब है कि Nokia 3310 को 17 साल पहले साल 2000 में लॉन्च किया गया था. कंपनी इसे इसलिए लॉन्च कर रही है ताकि लोग इसे अपने सेकंडरी फ़ोन के तौर पर इस्तेमाल करें.

मगर एक ओर जहां हम लोग बेसब्री से Nokia 3310 के दोबारा लॉन्च होने का वेट कर रहें है, वहीं दूसरी ओर ये ख़बर आपको हैरान कर देगी कि एक आदमी पिछले 17 सालों से Nokia 3310 ही इस्तेमाल कर रहा है. जी हां, ब्रिटेन के ईस्ट यॉर्कशायर में रहने वाले 49 वर्षीय Dave Mitchell पिछले 17 सालों से Nokia 3310 को ही इस्तेमाल कर रहे हैं.

Metro के हवाले से, Dave ने बताया कि उनका मानना है कि ये फ़ोन Kryptonite से बना हुआ है और ये अपनी शक्तियों से सुपरमैन की शक्तियों को भी कम करने की क्षमता रखता है. इसलिए उन्होंने ये फ़ोन साल 2000 में खरीदा था. और तब से उनको ज़रूरत ही नहीं पड़ी इसको बदलने की. कई बार इसको ज़मीन पर फेंकने के बाद भी ये जैसा था वैसा ही है. इतना ही नहीं वो इसे वाशिंग मशीन में भी धो चुके हैं. लेकिन फ़ोन को कोई फर्क नहीं पड़ा. इसके अलावा वो आर्मी की जॉब के कारण अपना ये फ़ोन अपने साथ इराक़, अफ़गानिस्तान, जॉर्डन और जर्मनी भी ले गए.

जब भी मेरे फ़ोन को कुछ हुआ, तो मैंने बस इसका Back बटन दबाकर वापस इसको ठीक कर लिया.’

इसके साथ ही Dave बताते हैं कि आजकल के स्मार्टफ़ोन को हमेशा चार्जिंग के लिए लगाये रखना पड़ता है, लेकिन Nokia 3310 को हफ़्तों-हफ़्तों तक चार्ज नहीं करना पड़ता और न ही अभी तक एक बार भी फोन की बैटरी बदली गयी है.

इसके साथ ही वो बताते हैं कि मेरे दोस्त अकसर मेरा मज़ाक भी उड़ाते हैं कि मैं टेक्नोलॉजी के साथ नहीं चल रहा हूं, लेकिन फिर भी कोई दूसरा फ़ोन मेरे इस फ़ोन की जगह नहीं ले सकता. हालांकि, Dave के बेटे ने उनको एक नया स्मार्टफ़ोन भी लेकर दिया था, जिसमें वो इंटरनेट भी यूज़ कर सकते थे, लेकिन वो इसके साथ बिलकुल भी फ्रेंडली नहीं थे. इसमें तरह-तरह के कई गेम्स भी थे, पर वो उनसे भी बोर हो गए थे.

आखिर में Dave कहते हैं कि मैं कोई डायनासोर नहीं हूं, मुझे पता है कि तकनीक कैसे काम करती है, लेकिन मैं हर समय अपने फ़ोन को हाथ में पकड़ कर नहीं रखना चाहता हूं.

Source: metro