मानव के नियंत्रण में पृथ्वी के सभी जल निकाय संकट में हैं. जल जीवन पर भी ख़तरा मंडरा रहा है.
सबकी तरह इस समस्या से मुंह मोड़ने की जगह चेन्नई के पर्यावरणविद अरुण कृष्ममूर्ती ने इससे लड़ने का फ़ैसला किया.
गूगल की नौकरी छोड़ने के बाद कृष्णमूर्ती ने पर्यावरण अभियान शुरू किया, जिसने 14 राज्यों ने 93 जल निकायों को साफ़ किया. इस अभियान की अगुवाई Environmentalist Foundation Of India(EFI) करती है, यह एक ग़ैर लाभकारी संगठन है.
जल निकायों के आस-पास पले-बढ़े कृष्णमूर्ती का इसके प्रति पुराने प्यार ने ज़िंदगी का इतना बड़ा फ़ैसला लेने में मदद किया. IANS के अनुसार, उनका मिशन है कि वो सभी जल निकायों में एक स्वस्थ Ecological Balance बनाने की कोशिश करेंगे.
जल निकाय को साफ़ करने की पहली कोशिश उन्होंने चेन्नाई में की थी. वहां उन्हें स्थानीय पंचायत की सहायत मिल गई. जिस वजह से वह इस अभियान को देशभर में फ़ैलाने में लग गए. उन्होंने IANA को कहा,
हम राज्य और केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. हम किसी प्रकार की फ़ंडिंग नहीं लेते. हम सरकार की मंज़ूरी और सहमती पर निर्भर करते हैं. पूरे देश में एक सकारात्म ट्रेंड है, जिससे प्रशासन झील और तलाब को साफ़ करने वाले समुदायों को प्रोत्साहित कर रही है.
कृष्णमू्र्ती के ज़मीनी काम को देखते हुए उन्हें साल 2012 में The Rolex Awards For Enterprise दिया गया था. उनका कहना है कि भारतीय जलवायु बेहद आकर्षक लगता है, लोगों को इसके इतिहास को समझना चाहिए.