अभी म्यान में तलवार मत रखो अपनी, अभी तो शहर में इक बेक़सूर बाक़ी है.

सरफ़राज़ अमरोही ने अपनी कौन सी भावनाओं को शब्दों में पिरोया है, ये कहना मुश्किल है. इतना कहा जा सकता है कि ये आज के संदर्भ में बिल्कुल सही हैं. दुनिया का ऐसा दस्तूर क्यों है कि बेगुनाह ही हमेशा बलि का बकरा बनते हैं और गुनहगार बच निकलते हैं.

बेकसूर होने का मतलब कमज़ोर होना नहीं, पर जब लोगों का हुजूम आपकी हत्या करने पर तुला हो, तो आप क्या करेंगे? हिन्दुस्तान के सिर पर दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने का ताज सजा है. यही नहीं, हमारा संविधान भी दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है, जिसका हवाला देते हुए हम आए दिन अपने बोलने की आज़ादी का कुछ ज़्यादा ही फ़ायदा उठाते हैं.

आप, हम, आपके आस-पास के इंसान, हम सब भीड़ का हिस्सा ही हैं, लेकिन कब आपके आस-पास की भीड़ आपकी जान की प्यासी हो जाए, ये कहना मुश्किल है.

Scoop Whoop

देश में भीड़ के हाथों कई मासूमों की, तो कुछ आरोपियों की जानें गई हैं, झारखंड की घटना पहली नहीं है. कुछ तथाकथित मीडियावाले मानते हैं कि नई सरकार के आने के बाद से इन घटनाओं में वृद्धि हुई है, पर हक़ीकत से तो हम सब वाकिफ़ ही हैं.

सबसे पहले हत्या और भीड़ द्वारा हत्या में अंतर समझ लें. हत्या Private में कर दी जाती है और कभी-कभी कुछ सनकी खुलेआम भी किसी को मौत के घाट उतार देते हैं. लेकिन भीड़ द्वारा हत्या, सिर्फ़ हत्या नहीं होती. इसे जितना हो सके, दर्शनीय बनाया जाता है. Audience चाहिए भाई ऐसी बेरहमी के लिए. आजकल तो ये भी हाई-टेक हो गया है, क्योंकि लोग पूरी घटना का वीडियो भी बनाते हैं.

झारखंड में 7 लोगों की निर्मम हत्या

HT

मई 2017 में झारखंड के जमशेदपुर के पास दो अलग-अलग घटनाओं में पागल भीड़ ने 7 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी. आदिवासी गांववालों को उन सातों पर शक था कि वे बच्चा चोर गिरोह के सदस्य थे. वो सातों बेकसूर थे और जहां उनकी हत्या हुई, वे उस इलाके से सिर्फ़ गुज़र रहे थे. सातों में से एक की लहुलुहान तस्वीर बहुत वायरल हुई. एक अंग्रेज़ी अखबार के मुताबिक, इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ.

राजस्थान में गौ रक्षकों का शिकार हुए 15 लोग, 1 ने गंवाई ज़िन्दगी

India Today

April 2017 में 15 लोग कुछ गायों को गाड़ियों पर ले जा रहे थे. एन-एच 8 पर रोका और गाय तस्कर मानकर बुरी तरह मारा, इस मौत के खेल में एक व्यक्ति, पहलू खान ने अपनी जान भी गंवा दी. सबसे दिलचस्प बात ये है कि इस घटना के बाद 11 लोगों को गौ तस्करी के जुर्म में तत्तकाल ही गिरफ़्तार कर लिया गया और हत्या के जुर्म में गिरफ़्तारी, घटना के 6 दिनों बाद हुई.

बेटे को ढूंढ रही थी भीड़, बेटा नहीं मिला, तो मां को ही बना लिया अपना शिकार

Express

दिसंबर 2016 में छत्तीसगढ़ के दोकावाया गांव में लोगों ने 55 वर्षीय इसाई महिला, समारी कसाबी के कपड़े उतवारकर, बहुत पीटा, उसके बाद जलाकर मार डाला. गांववालों को समारी के बेटे सुकुरा और उसके परिवार की तलाश थी. वो नहीं मिला, तो भीड़ ने मां को ही बेरहमी से मार डाला. गांववाले सुकुरा का धर्म परिवर्तन करवाना चाहते थे. इस मामले में ग्राम प्रधान को हिरासत में लिया गया था, पर 2 दिनों में उसे भी छोड़ दिया गया था.

बिहार में एक स्कूल के डायरेक्टर की हत्या

IBN Live

जून 2015 में बिहार के नालंदा ज़िले में एक स्कूल के डायरेक्टर, देवेंद्र प्रसाद कुमार को स्थानीय निवासियों ने लाठियों से पीट-पीटकर मार डाला. डायरेक्टर का कुसूर इतना था कि उसके स्कूल के दो बच्चों की लाश पास की एक नहर से मिली थी. यही नहीं, स्कूल के दो क्लासरूम को भी आग के हवाले कर दिया गया.

असम में 65 वर्षीय वृद्धा की हत्या

DNA India

जुलाई 2015 में असम के गांव में 200 लोगों ने मिलकर 65 वर्षीय महिला का सिर काटकर हत्या कर दी. महिला को देर रात उसके घर से निकालकर नग्न कर पूरे गांव में घुमाने के बाद बेरहमी से पीटा गया. इसके बाद उसका सिर काट दिया गया. इस मामले में भी गिरफ़्तारियां हुईं, उसके बाद क्या हुआ ये किसी को नहीं पता. ऐसे मामले अख़बार के पुराने होने से पहले पुराने हो जाते हैं.

झारखंड में 1 ही रात में 5 महिलाओं की निर्मम हत्या

b’Source: Daily News’

झारखंड के एक गांव में 1 ही रात में 5 अलग-अलग घरों से 5 औरतों को बाहर निकाला गया. गांववालों को शक था कि इन औरतों के कारण ही गांव में फ़सल अच्छी नहीं हो रही थी और बीमारियां फैल रही थी. 5 से 2 औरतों को पत्थरों से मार-मारकर मौत के घाट उतार दिया गया. घरवालों ने दया की भीख भी मांगी, पर गांववालों पर हत्या का धुन सवार था.

अखलाक की हत्या

NDTV

50 वर्षीय अखलाक की हत्या को दादरी कांड के नाम से सुप्रसिद्ध बनाने में हम सबने अपना भरपूर योगदान दिया. समझ तो आप गये ही होंगे. भीड़ को शक था की अखलाक ने गौ-मांस खाया है, और ये शक ही उसकी मौत की वजह बन गई. अखलाक इतनी बदत्तर मौत के लायक नहीं थे. पर क्या करें, हमारे हिन्दुस्तान में ‘गाय’, माता समान है, पर एक आदमी इंसान समान भी नहीं.

पुणे में IT Professional की निर्मम हत्या

Flicker

जून 2014 में पुणे में एक IT Professional की हत्या कर दी गई. कारण, बाल ठाकरे और शिवाजी की सोशल मीडिया पर डाली गई कुछ तस्वीरें. समर्थकों को ये कैसे बर्दाशत होता, तो बस मोहसीन सादिक शेख और एक अन्य व्यक्ति युनूस खान को बना लिया अपना शिकार. सादिक की हत्या के जुर्म में 7 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था.

अलिगढ़ में एक महिला की हत्या, कारण उसने अपनी बेटी को Jeans पहनने दिया

जून 2013, में अलीगढ़ में 55 वर्षीय महिला, कमलेश की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. कारण, उसने अपनी 20 वर्षीय बेटी को Jeans पहनने दी. सबसे चौंकाने वाली बात, कि उस भीड़ का नेतृत्व एक स्त्री ही कर रही थी.

दिमापुर हत्याकांड

Meri News

अब तक हमने जितनी भी घटनाओं की बात की, उन सब में किसी निर्दोष की हत्या कर दी गई थी. असम के दिमापुर में गुस्साए लोगों ने बलात्कार के एक आरोपी को जेल से निकालकर पीट-पीटकर मार डाला. भीड़ की बर्बरता यहीं नहीं रुकी. भीड़ ने एक टावर पर मृत का शव भी लटका दिया. ये मंज़र किसी अरब देश का नहीं हमारे ही देश के एक हिस्से का है.

काला जादू करने के आरोप से लेकर, बेटी को Jeans पहनाने तक. भीड़ को गुस्साने के लिए कोई वजह नहीं चाहिए. यही भीड़ किसी महीला की रक्षा के लिए नहीं आती, जब उसे मनचले छेड़ते हैं या यही भीड़ सड़क पर पड़े किसी अधमरे की सहायता नहीं करती. गौ बचाना ज़रूरी है इसीलिए मुस्लिमों को मार डालो. फ़सल न होने का कारण महिलाएं हैं, इसलिए औरतों का सिर कलम कर दो. क्या इंसाफ है जनता का! हर इंसान के अंदर एक हैवान छिपा रहता है, पर आजकल के हालात को देखकर लगता है कि हर हैवान के अंदर एक इंसान है, जो सिर्फ़ कभी-कभी ही जागता है.

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