यूपी के बुंदेलखंड इलाके की गिनती सूखा ग्रस्त इलाकों में की जाती है. पानी की कमी के चलते यहां से लोग पलायन भी करने लगे हैं. पानी के लिए सबसे ज़रूरी चीज़ है पेड़. अगर पेड़ हो तो ये इलाका भी पानी की कमी से लड़ सकता है. उत्तर प्रदेश का चित्रकूट क्षेत्र भी इन्हीं में से एक है. इस इलाके को अपने दम पर हरा-भरा बनाने में जुटे हैं बाबा भैयाराम यादव. इलाके में ट्री-मैन के नाम से मशहूर भैयाराम यादव ने अपने दम पर ही 40 हज़ार पेड़ों का एक घना जंगल तैयार कर लोगों के सामने मिसाल कायम की है.

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चित्रकूट से लगभग 20 किलोमीटर दूर एक गांव है भरतपुर. यहां पहुंचते ही आपको उस पहाड़ी के दर्शन होंगे जहां पर भैयाराम यादव ने दिन-रात एक कर एक घना जंगल तैयार किया है. गर्मी में जब पूरा इलाक तपता है, तो भैयाराम द्वारा लगाया गया ये वन लोगों और यहां रहने वाले पशु-पक्षियों को राहत दिलाता है. भैयाराम यादव साल 2007 से ही इस कार्य में लगे हैं. वो वृक्षों की अपने बच्चों को तरह देखभाल करते हैं.

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भैयाराम की कहानी बहुत ही प्रेरणादायक है. उन्होंने NDTV को दिए इंटरव्यू में बताया कि इस मुहिम की शुरुआत उन्होंने कैसे की. दरअसल, साल 2001 में बच्चे को जन्म देते समय उनकी पत्नी का निधन हो गया था. उसके कुछ साल बाद बीमारी के चलते बच्चा भी गुज़र गया. तब भैयाराम ने ख़ुद को बहुत ही अकेला पाया. उनके जीवन का कोई मक़सद नहीं था. तब उन्हें अपने पिता की बात याद आई कि उसे अपने जीवन में कम से कम 5 पेड़ ज़रूर लगाने चाहिए.

इसके बाद उन्होंने तय कर लिया कि वो पौधरोपड़ करेंगे और उनकी देखभाल भी करेंगे ताकि वो वृक्ष बन जाएं. फिर क्या था भैयाराम जी वन विभाग से पौधे लाते रहते और उन्हें गांव के पास खाली पड़ी ज़मीन पर लगाते रहते. वन विभाग की ज़मीन पर लगाए गए इन पौधों को पानी देने के लिए कई किलोमीटर दूर से पानी भर कर लाते थे.

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उनकी कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि बुंदेलखंड की 50 एकड़ भूमि पर आज घना जंगल खड़ा है. पेड़ों की रक्षा करने के लिए उन्होंने जंगल में ही झोपड़ी बना रखी है. उनकी आय का साधन कुछ नहीं. वो जंगल में लगाए गए फलदार पेड़ों और अनाज के सहारे ही जी रहे हैं. भैयाराम का कहना है कि सरकार हर साल पर्यावरण दिवस पर हर ज़िले में पौधारोपण अभियान चलाती है. लाखों पेड़ भी लगाती है, पर उनकी रक्षा कोई नहीं करता.

एक बार पेड़ लगा देने के बाद लोग उसे भूल जाते हैं. इस तरह सरकार पैसा भी बर्बाद हो रहा है और वृक्ष भी कम हो रहे हैं. सरकार को उन लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए जो वृक्षारोपण में लगे हुए हैं. भैयाराम की इच्छा है कि उनके द्वारा लगाए गए पेड़ों की संख्या 40 लाख तक पहुंच जाए. उनका कहना है कि वो आख़िरी सांस तक पेड़ लगाते रहेंगे और उनकी रक्षा करते रहेंगे. 

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यूपी सरकार ने इसी साल 9 अगस्त को 22 करोड़ पौधे लगाने का रिकॉर्ड बनाया था. मगर सरकार के इतने प्रसायों के बावजूद वन क्षेत्र में कमी हो रही है. क्योंकि सरकार का ध्यान सिर्फ़ पौधारोपण पर है, उन्हें बचाने पर नहीं. सरकार को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए.

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