कोरोना वायरस के चलते देशभर के स्कूल-कॉलेज अब भी बंद हैं. ऐसे में छात्रों की पढ़ाई-लिखाई थम सी गई है. इस बीच छात्रों के नए सेशन भी शुरू हो गए हैं. ऐसे में छात्र ऑनलाइन पढ़ाई करके अपना कोर्स पूरा करने की जुगत में लगे हुए हैं. प्राइवेट स्कूल के बच्चे ऑनलाइन क्लास पर निर्भर हैं, तो सरकारी बच्चे सरकारी मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं.
इस दौरान दूर दराज के गांवों में अधिकतर छात्र ऐसे हैं जिनके पास न तो इंटरनेट की सुविधा है, न ही उनके पास मोबाइल फ़ोन हैं. ग़रीबी के कारण जो बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे में ‘किताबों वाली दीदी’ ने इन बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया है.
Meet ‘किताबों वाली दीदी’, Usha Dubey, a teacher who went an extra mile, built a mobile library on her scooty & travels village to village to teach children, in this #COVID19 period.
— Nausheen Khan (@DrNausheenKhan) September 22, 2020
Some teachers give their soul & heart to the profession & Usha ma’am is one of them. Thank you!♥️ pic.twitter.com/slAek3D4m2
मध्य प्रदेश की ये स्कूटी वाली शिक्षिका छात्रों के बीच ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी काफ़ी पसंद की जा रही हैं.
मिलिए, ‘किताबों वाली दीदी’ उषा दुबे से… उषा मध्य प्रदेश के सिंगरौली ज़िले की बैढ़न स्थित ‘हरई शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय’ की शिक्षिका हैं, जो अपनी स्कूटी से कई मील का सफ़र तय करके सिंगरौली ज़िले के गांव-गांव जाकर बच्चों को पढ़ाने का काम कर रही हैं.
शिक्षिका उषा दुबे हर रोज़ अपनी स्कूटी पर ढेर सारी किताबें लादकर सिंगरौली ज़िले के गांवों में निकल पड़ती हैं. गांव पहुंचकर उषा खुले आसामान के नीचे बच्चों की क्लास लेती हैं. बच्चे उषा को प्यार से ‘किताबों वाली दीदी’ कहकर पुकारते हैं.
कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई की ख़ातिर ऊषा दुबे ने अपनी स्कूटी को चलता फिरता मोबाइल लाइब्रेरी बना लिया है. ऊषा ने अपनी स्कूटी पर एल्युमुनियम के पाइप से एक लाइब्रेरी बनाई हुई है जिस पर कई सारी किताबें रखी होती हैं. इस दौरान वो हर रोज मोहल्ले-मोहल्ले जाकर बच्चों को पढ़ाती हैं.
ऊषा दुबे ‘ख़ूब पढ़ो अभियान’ के तहत हर दिन गांव के बच्चों को न सिर्फ़ पढ़ाती हैं, बल्कि उन्हें अंग्रेज़ी, हिंदी, विज्ञान और कहानियों की किताबें भी पढ़ने को देती हैं. सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक बच्चों को पढ़ाना ही आज ऊषा दुबे की दिनचर्या बन गई है.
सिंगरौली जिले के बैढन ब्लॉक के गांव हरई के शा.मा स्कूल की शिक्षिका उषा दुबे, विद्यार्थियों में रीडिंग हैबिट्स को बढ़ावा देने के लिए “खूब पढ़ो अभियान” के अंतर्गत अपने स्कूटर पर चलता फिरता पुस्तकालय तैयार कर बस्ती बस्ती जाकर बच्चों को पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। pic.twitter.com/bXiPefcKx9
— School Education Department, MP (@schooledump) September 15, 2020
इस दौरान अभिभावक भी अपने बच्चों को प्रतिदिन ‘किताबों वाली दीदी’ की क्लास में भेजने के लिए काफ़ी उत्सुक नज़र आते हैं. वो बच्चों को होमवर्क देती हैं, फिर उनका टेस्ट लेती हैं.