‘महात्मा गांधी’ यानि देश के ‘राष्ट्रपिता’, जिन्हें प्यार से लोग ‘बापू’ कहकर भी बुलाते हैं. देश को आज़ाद कराने में बापू के अहम योगदान और संघर्ष को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. राष्ट्रपिता के सम्मान में अब तक देश में कई म्यूज़ियम और कॉलेज भी बनाये जा चुके हैं. यही नहीं, विदेशों में भी सम्मान के तौर पर महात्मा गांधी की मूर्ति देखी जा सकती है. इसके अलावा हर साल 2 अक्टूबर यानी उनके जन्मदिन को गांधी जंयती के रूप में मनाया जाता है.
अब आप सोच रहे होंगे कि अचानक गांधी जी के संघर्ष और सम्मान की बात क्यों कर रहे हैं बापू के बारे में ये सारी बातें, तो आप पहले से ही जानते हैं. इसमें कोई दोराय नहीं कि आप गांधी जी के जीवन से जुड़ी कई बातें पढ़ और सुन चुके हैं, लेकिन शायद सोशल मीडिया पर मौजूद कुछ लोग ये बात नहीं जानते. वरना देश के राष्ट्रपिता को लेकर ऐसे फ़नी मीम नहीं बनाते. क्योंकि ऐसा करके वो सिर्फ़ बापू का मज़ाक नहीं बना रहे, बल्कि उनके संघर्ष की धज्जियां भी उड़ा रहे हैं.
पहले महात्मा गांधी पर बने ये मीम देखिए:
1. ये जोक पढ़ कर हंसी आई न, लेकिन क्या ये सही है?
2. भाषा और चित्र दोनों पर ग़ौर करिएगा.
3. क्या यही बापू का सम्मान है?
4. मतलब कुछ भी.
Gandhiji before going for the fasts. #GandhiJayanti pic.twitter.com/Fj0m5C0yIT
— Yash Bhardwaj (@theyashbhardwaj) October 2, 2015
5. कमाल है मीम के महारथियों ने गांधी जी को भी नहीं छोड़ा.
6. क्या ये सही है?
7. अगर आप देश के इन महान लोगों का सम्मान नहीं कर सकते, तो इस तरह अपमान भी मत करिये.
A kid is born, doctor slaps his butt to make him cry. Kid offers his other butt cheek.
Doctor said, “Mubarak ho, Gandhiji huye hain.”— Ayushman BhaRatty (@YearOfRat) January 23, 2014
8. काफ़ी बुरा लग रहा है.
Gandhi be like- jinnah mera dil luteya oh ho #GandhiJayanti
— Manish 🇮🇳 (@Man_isssh) October 2, 2017
9. इतनी क्रिएटिविटी किसी और चीज़ में दिखाते, तो अच्छा होता.
Nehru- Happy birthday bapu! Where’s the party?
Bapu- Sitting in opposition pic.twitter.com/k3us9YPmTH— onetiponehand_ (@OneTipOneHand_) October 1, 2016
10. हद है.
11. फ़्रीडम फ़ाइटर का इस तरह जोक बनाना पूरे देश का अपमान है.
12. हम शर्मिंदा हैं.
कृपया इस तरह के मीम बनाने से पहले ये सोचिए अगर हम ही अपने फ़्रीडम फ़ाइटर्स द्वारा दी गई क़ुर्बानी का सम्मान नहीं करेंगे, तो दूसरों को किस मुंह से उनके संघर्षों की कहानियां सुनाइयेगा. टाइम मिले, तो एक बार फिर से महात्मा गांधी की जीवनी पढ़ लेना.