हिंदुस्तान के मंदिर अपनी भव्यता और मान्यताओं के लिये जाने जाते हैं. इसलिये शायद भारतीय इंडिया में कुछ घूम कर आये न आये, पर अलग-अलग मंदिरों के दर्शन करके ज़रूर आते हैं. ख़ासकर नवरात्र के पावन पर्व पर. इस पावन पर्व की शुरूआत हो चुकी है. इसलिये इस अवसर पर हम माता रानी के कुछ ऐसे मंदिरों से रू-ब-रू करवाते हैं, जो कि अपनी ख़ास और विचित्र प्रथाओं के लिये प्रचलित हैं. 

1. मुंडेश्वरी मंदिर 

मां का ये प्रसिद्ध मंदिर बिहार के कैमूर ज़िले में स्थित है. इस मंदिर के बारे में ऐसे कहा जाता है कि मां को प्रसन्न करने के लिये बलि तो दी जाती है, पर किसी का जीवन नहीं लिया जाता. ऐसी मान्यता है कि यहां भक्त बलि के लिये बकरे को लाते हैं और बलि देने की सारी प्रक्रियाएं भी पूरी की जाती हैं. पर बकरा पूजा-पाठ संपन्न होने के बाद फिर से जीवत हो जाता है. 

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2. मां भद्रकाली मंदिर 

कुरुक्षेत्र का मां भद्रकाली मंदिर 51 शक्तिपीठ में से एक है और यहां मन्नत पूरी होने के बाद श्रद्धालु घोड़े दान करके जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि मन्नत पूरी होने के बाद पांडवों ने इसी मंदिर में आकर घोड़े दान किये थे. तभी से ये प्रथा चली आ रही है. 

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3. श्राई कोटि माता मंदिर 

दुर्गा मां का ये मंदिर शिमला के रामपुर में स्थित है. इस मंदिर की एक अजीब प्रथा है कि यहां पति-पत्नी साथ दर्शन के लिये नहीं जा सकते. अगर कोई जोड़ा साथ में मां के दर्शन को पहुंचता है, तो बाद में उसे इसकी सज़ा भुगतनी पड़ती है. 

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4. दुर्गा परमेश्वरी 

मां दुर्गा का ये प्रसिद्ध मंदिर कर्नाटक के कातील में बना हुआ है. ऐसी परंपरा है कि दुर्गा उत्सव के दौरान भक्त एक-दूसरे पर आग फेंकते हैं. पर मां की कृपा से किसी भी भक्त पर आंच तक नहीं आती. 

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5. कोट्टनकुलंगरा श्रीदेवी मंदिर 

केरल के इस मंदिर में कोई पुरुष तभी प्रवेश ले सकता है, जब उसने स्त्री की तरह 16 श्रृगांर किया हो. जो भी पुरुष श्रृगांर के साथ मां के पास कोई भी मुराद लेकर आता है, उसकी सारी इच्छाएं पूरी होती हैं. 

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6. मां भुवाल काली माता 

काली मां का ये मंदिर राजस्थान के नागौर ज़िले में है. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां मां ढाई प्याला शराब ग्रहण करती हैं और बची हुई शराब भैरव बाबा को चढ़ाई जाती है. 

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7. चमत्कारी मंदिर 

मां का ये मंदिर बिहार के बक्सर में है, जहां के बारे में कहा जाता है कि यहां स्थित मां की मूर्तियां आपस में बात करती हैं, जिससे वहां मौजूद लोगों को मां दुर्गा की शक्तियों का एहसास होता है. 

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इस आर्टिकल का मकसद लोगों के बीच अंधविश्वास फैलाना बिलकुल नहीं है. इसलिये एक बार इन मंदिरों के दर्शन के लिये ज़रूर जायें, उसके बाद ही विश्वास करें. 

जय माता दी!