तमिलानाडु के महाबलिपुरम गांव में आज से कुछ साल पहले तक शायद ही किसी ने स्केटबोर्डिंग का नाम सुना होगा. लेकिन उस बेहद छोटे से गांव में एक मां अपनी 9 साल की बेटी को स्केटबोर्डिंग चैंपियन बनाने का सपना देख रही है.
9 साल की कमली अपनी छोटी सी स्कर्ट और घने, खुले बालों में स्केटबोर्डिंग करती दिखती है, तो हम एक पल के लिए अचंभित रह जाते हैं. भारत के किसी गांव में ऐसा दृश्य देखना सुखद ही नहीं बल्कि उम्मदों से भर जाने वाला भी है. और कमली इसी तरह अपने बेखौफ़ अंदाज़ में स्केटबोर्डिंग पर उड़ान भरती रहे, उसके लिए उसकी मां पूरे समाज से लड़ रही है. कमली की मां न सिर्फ़ अपनी बेटी का सहारा है, बल्कि अपनी बेटी की ताक़त भी बनी हुई है.
9 साल की स्केटबोर्डिंग सेंसेशन कमली मूर्ति और उसकी मां पर एक शॉर्ट फ़िल्म ‘कमली’ बनी है. इस फ़िल्म को अगले साल 2020 की अकादमी अवॉर्ड्स के लिए भी नॉमिनेट किया गया है.
ये फ़िल्म कमली की सिंगल मदर सुगंति के इर्द-गिर्द घूमती है और अपनी बेटी को रूढ़िवादी सोच और समाज के तय नियमों से ऊपर उठ उसके सपनों को उड़ान देने की कहानी है. इस फ़िल्म को न्यूज़ीलैंड के एक फ़िल्म मेकर शाशा रेनबो ने बनाया है. 24 मिनट की इस शॉर्ट फ़िल्म को अप्रैल में हुई एटलांटा फ़िल्म फ़ेस्टिवल में बेस्ट डाक्यूमेंट्री का भी ख़िताब मिला है.
‘जब सुगंति अपने बच्चों को देखती है, तो उसे अपना बचपन याद आ जाता है और किस तरह वो समाज के कारण वो सब नहीं कर पाई जो वे करना चाहती थी. आज वो ये चाहतीं हैं कि कमली उस आज़ादी का स्वाद ले जो उनके पास नहीं थी.’ कमली के गुरु आइने एडवर्ड्स ने TNM से की बातचीत में कहा था.

NDTV से की बात में फ़िल्म के डायरेक्टर शाशा रेनबो बताते हैं, ‘कमली की कहानी भारत में एक अतुल्य क्षण का प्रतिनिधित्व करती है. ये दिखाती है कि कैसे एक बड़ा बदलाव सिर्फ़ एक इंसान से शुरू हो सकता है. मेरा मानना है कि कमली की मां सुगंति और उनके जैसे अन्य लोग हीरो हैं, जिन्हें उनकी बहादुरी के लिए सम्मान दिया जाना चाहिए.’
सुगंति समुद्र तट के किनारे रेडी-टू-ईट मसाला मछली बेचकर अपना जीवन यापन करती है.

सुगंति ने NDTV को बताया, ‘मेरे माता-पिता और स्थानीय लोग कमली के स्केटबोर्डिंग की बात से सहमत नहीं थे. वो कहते थे की अगर उसके हाथ-पैर टूट गए तो कमली की ज़िंदगी ख़राब हो जाएगी. मैं चाहती हूं की कमली बड़ी उपलब्धियां हासिल करे. उसे सीमित अवसरों के साथ मेरे जैसा नहीं होना चाहिए.’
प्रसिद्ध स्केटबोर्डर टोनी हॉक ने कमली की फ़ोटो सोशल मीडिया पर शेयर की थी. टोनी ने कमली की फ्रॉक में बिना जूते-चप्पल के स्केटबोर्डिंग करते ये फ़ोटो डाली थी. इस के बाद से कमली लाइमलाइट में आ गई थी.