अकसर नेत्रहीन लोगों को दया की भावना से देखा जाता है. उनके लिए हर काम कर पाना मुश्किल बताया जाता है, समस्या गिनाई जाती हैं, लेकिन इस समस्या का कोई समाधान और इन लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए ठोस प्रयास होते हम नहीं देखते.

इस बार ये बीड़ा उठाया है मुबंई के एक कॉलेज ने. इस कॉलेज ने नेत्रहीन लोगों के लिए एक कोर्स शुरू किया है, जिसमें उन्हें परफ़्यूम की पहचान करना सिखाया जा रहा है. इस काम से उन्हें मुख्यधारा में जोड़ना काफ़ी आसान हो जाएगा.

The College of Fragrance for the Visually Impaired नाम के इस कॉलेज ने नेत्रहीन लोगों को Fragrance Business के बारे में पढ़ाना शुरू किया है.

कॉलेज को इस कोर्स का आइडिया CPL Aromas नाम की एक कंपनी की हायरिंग से आया. इस कंपनी ने भारत से करीब 50 नेत्रहीन लोगों को जॉब दी है, जिनकी सूघने की शक्ति आम लोगों से कहीं ज़्यादा है. इसे देखते हुए कॉलेज ने नेत्रहीन लोगों के लिए इस कोर्स की शुरुआत की. जिसमें उन्हें Fragrance पहचानने और उनकी कॉवलिटी जानने के बारे में पढ़ाया जा रहा है.

CPL Aroma कंपनी के डायरेक्टर शितल देसाइ ने V G Vaze College की Cosmetology and Perfumery Department की डायरेक्टर रेणुका जी से मुलाकात की और अपने इस आइडिया को साझा किया. रेणुका जी को भी ये आइडिया अच्छा लगा.

साल 2012 से इस प्रोजेक्ट को चलाया जा रहा है और हर साल करीब 25 नेत्रहीन छात्र इस कोर्स को कर के नौकरी हासिल कर लेते हैं. इस कोर्स को करने के लिए एक ख़ास तरह के सॉफ़्टवेयर को बनाया गया है, जिसका नाम है JAWS यानी Job Access With Speech. ये सॉफ़्टवेयर नेत्रहीन लोगों को इस कोर्स को समझाने में इनकी मदद करता है.

इस कोर्स को कराने वाले इसमें आने वाली समस्याओं को भली-भांति जानते थे. उन्हें पता था कि सबसे पहले नेत्रहीन लोगों को आत्मविश्वास दिलाना होगा कि वो ये काम कर सकते हैं और लोगों को जागरुक करने के लिए उन्होंने घर-घर जा कर सर्व करवाया और इस काम से उन्हें सफ़लता भी मिली.

कंपनी और कॉलेज का ये प्रयास काफ़ी शानदार है. इससे न सिर्फ़ रोज़गार, बल्कि नेत्रहीन लोगों के अंदर आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है और सबसे अच्छी बात ये है कि इस प्रयास से इन लोगों को मुख्यदारा से जोड़ा जा रहा है.

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