ऐसा कहा जाता है कि छोटे बच्चे अपने परिवार वालों को देखकर काफ़ी कुछ सीखते हैं, मगर लगता है कि सीखने की ये प्रक्रिया केवल इंसानों तक ही सीमित नहीं है बल्कि जानवर भी मनुष्यों के हाव-भाव को देखकर काफ़ी कुछ सीखते हैं. कम से कम तमिलनाडु के एक हाथी के लिए तो ऐसा ही कहा जा सकता है.
आपने इससे पहले किसी हाथी को सर्कस में परफॉर्म करते देखा होगा, लोगों को शहरों में घुमाते देखा होगा. लेकिन क्या आपने कभी कोई संगीत पसंद करने वाला हाथी देखा है? तमिलना़डु के तूथूकु़ड़ी जिले में एक ऐसी ही एक मादा हाथी है, जो हार्मोनिका बजाती है. 11 साल की लक्ष्मी अपनी कलाकारी से क्षेत्र में काफ़ी लोकप्रिय हो चुकी है.
लक्ष्मी महज एक साल की थी जब उसे श्रीलंका से भारत लाया गया था. श्रीलंका के यलपनम से भारत आई लक्ष्मी तमिलनाडु के एक मंदिर में रहती है. लक्ष्मी के मालिक के मुताबिक, जब-जब वह मुझे हारमोनिका बजाते देखती थी, तो वह मेरी नकल करने की कोशिश करने लगती थी.
लक्ष्मी के मालिक का कहना था कि, “मैं अपना ज़्यादातर समय लक्ष्मी के साथ ही बिताता हूं. मैं जब भी खाली समय में अपना माउथ ऑर्गन बजाता था, तो लक्ष्मी उसे ध्यान से सुनती थी और अपना सर इस तरह हिलाती थी, मानो वह इस संगीत को अच्छे से समझ पा रही हो.”
उन्होंने कहा कि “अगर मैं बीच में ही हारमोनिका बजाना बंद कर देता था तो वह मेरी शर्ट पकड़कर मुझे दोबारा इसे बजाने की दरख़्वास्त करती थी. मैंने गौर किया कि इस मादा हाथी की संगीत में काफ़ी दिलचस्पी है. यही देखते हुए ही मैंने एक दिन हारमोनिका को इसकी सूंड में फिट किया और अगले ही पल लक्ष्मी ने इसे बजाना शुरु कर दिया.”
यहां आने वाले हज़ारों श्रद्धालु लक्ष्मी के टैलेंट के कायल हैं. लक्ष्मी इसके अलावा मंदिर की घंटियां भी बजा लेती है. वह सुबह-शाम आरती के दौरान कम से कम आधा घंटा हारमोनिका बजाती है.
लक्ष्मी इस माउथ ऑर्गन को अपनी सूंड के टिप में फंसा लेती है. इसके बाद सांसें अंदर-बाहर निकालकर वह हारमोनिका से नोट्स का निर्माण करती है. हारमोनिका बजाने के दौरान वह अपने सिर को भी हिलाती है, मानो वह खुद की परफॉर्मेंस से मंत्रमुग्ध हो रही हो.