क्या आप उन लोगों में से हैं जो हर गर्मियों में Mountain Calling का फ़ेसबुक पोस्ट डालकर पहाड़ों पर निकल पड़ते हैं? क्या आप इन्ही पहाड़ों को निहारते हुए साइड पोज़ देते हुए दार्शनिक Quote के साथ फ़ेसबुक डीपी लगाते है? या कीबोर्ड बुद्धिजीवी की तरह क्या आपका एडवेंचर भी फ़ेसबुक पोस्ट्स पर पॉलिटिकल बहसबाजी तक सीमित है?

अगर ये सब करने के बाद आप अपने आप को एडवेंचर जंकी समझते हैं तो आपको 39 साल के कार्ल के बारे में जानने की ज़रूरत है.

Karl RiisJacobsen नॉर्वे में रहते हैं. सामान्य लोगों की तरह ही वो ट्रिप पर जाते हैं लेकिन असामान्य लोगों की तरह वो कड़कड़ाती ठंड में नंगे बदन एक व्हेल जैसे दिखने वाले आइसबर्ग पर फ़ोटो खिंचाने से बाज़ नहीं आते.

46 साल के टॉमी सिमॉनसेन, Karl के अच्छे दोस्त हैं. उन्होंने कहा कि कड़कड़ाती ठंड में नंगे बदन आइसबर्ग पर चढ़ना मतलब मौत को दावत देने के समान लग रहा था. हमें लग रहा था कि उसके संवेदनशील अंग आइसबर्ग के साथ ही अकड़ कर रह जाएंगे. यही कारण था कि हम उसके लिए थरमस में गर्म पानी के साथ तैयार खड़े थे.

ये सभी लोग नॉर्वे से उत्तर पोल की ट्रिप पर निकले थे. टॉमी एक प्रोफ़ेशनल फ़ोटोग्राफ़र और फ़ील्ड गाइड हैं. टॉमी ने उस लम्हे को बयां किया जब कार्ल ने आइसबर्ग पर चढ़ने की बात कही थी.

टॉमी ने बताया कि हम इस आइसबर्ग से गुज़र चुके थे. कार्ल की जब उस पर नज़र पड़ी तो हमने बोट को मोड़ा, आइसबर्ग के पास गए और इसकी सतह की जांच करने लगे. जहां सभी लोग उसकी स्थायित्वता की जांच कर रहे थे, कार्ल नंगे बदन ही उस आइसबर्ग पर चढ़ने की कोशिश करने लगा. उसके हाथ में सिर्फ़ एक चाकू था ताकि आइसबर्ग पर ग्रिप बनाई जा सके. कार्ल का कहना था कि वो पानी में गिरने को लेकर भी मानसिक रूप से तैयार था.

Source: The Sun