देश की राजधानी दिल्ली से ले कर छोटे-बड़े कस्बों के हर दूसरे मोड़ पर आज शॉपिंग मॉल और मल्टीप्लेक्स देखने को मिल जाते हैं. इन शॉपिंग मॉल और मल्टीप्लेक्स के ज़माने में सिंगल स्क्रीन थिएटर तो जैसे गायब से हो गए हैं, पर एक दौर था जब हर बड़े स्टार की फ़िल्म से लेकर बड़े-बड़े नाटक सिंगल स्क्रीन थिएटर पर ही खेले जाते थे. दिल्ली में भी मंदी की वजह से ऐतिहासिक ‘रीगल’ सिनेमा बंद हो गया, जिसके साथ ही देश की राजधानी से सिंगल थिएटर स्क्रीन का सुनहरा अध्याय भी इतिहास के पन्नों में समा गया.
फ़ोटोग्राफ़र नंदिता रमन ने सिंगल स्क्रीन के इसी इतिहास को एक फ़ोटो एग्बिज़ीशन में समेटने की कोशिश की है, जिसे उन्होंने ‘Cinema Play House’ का नाम दिया है. नंदिता खुद बनारस की रहने वाली हैं. जब वो छोटी थी, तभी उनके शहर में ‘चित्रा टॉकीज़’ खुला था, जो शहर का पहला सिंगल स्क्रीन थिएटर था. नंदिता ने इस थिएटर से काफ़ी समय तक जुड़ी रही थीं, जिसकी वजह से सिंगल थिएटर्स के साथ उनकी कई यादें जुड़ी हुई हैं. उनका ये फ़ोटो एग्बिज़ीशन दुनिया के सबसे पुराने फ़ोटोग्राफ़ी म्यूज़ियम, जॉर्ज ईस्टमैन म्यूज़ियम, न्यूयॉर्क में हो रहा है. उनके इसी फ़ोटो एग्जीबिशन से आज हम सिंगल स्क्रीन थिएटर्स की कुछ फ़ोटोज़ ले कर आये हैं, जो बीते हुए कल की एक ख़ूबसूरत याद बन कर रह गई है.