अब तक स्कूली किताबों में हम अपने सौरमंडल उर्फ़ सोलर सिस्टम के बारे में ही पढ़ते आए थे, जिसमें सूरज की परिक्रमा करते पृथ्वी समेत 9 ग्रह मौजूद थे लेकिन अब लगता है कि बच्चों को एक और सोलर सिस्टम के बारे में भी पढ़ना पढ़ेगा.

जी हां, अमेरिका की बहुप्रतिष्ठित स्पेस एजेंसी नासा ने एक एलियन सोलर सिस्टम ही खोज निकाला है. NASA के केपलर स्पेस टेलिस्कोप ने एक नए सोलर सिस्टम की खोज की है. दरअसल, यह स्टार सिस्टम पहले ही खोजा गया था, लेकिन अब आठवें ग्रह की भी पहचान हो चुकी है. ऐसे में सूर्य या उस जैसे किसी स्टार की परिक्रमा करने के मामले में केपलर-90 सिस्टम की तुलना हमारे सौरमंडल से की जा सकती है.

इस खोज में नासा ने गूगल के आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) की मदद ली, ये AI इंसानों के रहने योग्य ग्रहों की तलाश करने में मदद करने के लिए बनाया गया है. केपलर-90 सोलर सिस्टम के इस आठवें ग्रह का नाम केपलर 90i है.

दिलचस्प है कि केपलर-90 के ग्रहों की व्यवस्था हमारे सौर मंडल जैसी ही है. इसमें भी छोटे ग्रह अपने स्टार से नज़दीक हैं और बड़े ग्रह उससे काफी दूर मौजूद हैं. NASA के अनुसार, इस खोज से पहली बार ये साफ़ हुआ है कि इस अनंत ब्रहांड और उनके स्टार सिस्टम में पृथ्वी जैसे ग्रह मौजूद हो सकते हैं.

टेक्सस यूनिवर्सिटी के खगोलविज्ञानी एंड्रयू वांडबर्ग ने कहा, ‘ये नया ग्रह पृथ्वी से करीब 30 फीसदी बड़ा माना जा रहा है. हालांकि यह ऐसी जगह नहीं है, जहां कोई भी इंसान जाना चाहेगा. यहां काफी चट्टानें हैं और वातावरण भी घना नहीं है. सतह का तापमान ऐसा है कि यहां जाने पर झुलसे बिना नहीं रह सकेंगे और इस जगह का औसत तापमान करीब 800 डिग्री Fahrenheit हो सकता है.

8 ग्रहों वाले इस नए सोलर सिस्टम में केप्लर-90 नाम के तारे के चारों ओर अन्य ग्रह घूम रहे हैं और एंड्रयू ने केप्लर 90 स्टार सिस्टम को हमारे सोलर सिस्टम के मिनी वर्ज़न की तरह बताया. ये सोलर सिस्टम 2,545 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है. इस नए सोलर सिस्टम में केप्लर-90i पृथ्वी की तरह ही एक पथरीला ग्रह है. यह अपने orbit में हर 14.4 दिन पर एक बार घूम जाता है, इसका मतलब है कि केप्लर-90i पर पृथ्वी की तरह एक वर्ष का समय सिर्फ दो हफ्तों के लिए होगा.

गौरतलब है कि केप्लर स्पेस टेलीस्कोप को 2009 में लॉन्च किया गया था. लॉन्च होने के बाद से ये करीब 1,50,000 तारों को स्कैन कर चुका है. एस्ट्रोनॉमर्स ने केप्लर डाटा के जरिए अब तक 2,500 ग्रहों की खोज की हैं जिनमें से दस ग्रहों का तापमान और आकार पृथ्वी से काफी हद तक मिलता जुलता है. 

गूगल और नासा के इस प्रॉजेक्ट से हुई इस एलियन सोलर सिस्टम की खोज ने इस बात की उम्मीद तो बढ़ा ही दी है कि ब्रह्मांड में किसी न किसी ग्रह पर ऐलियन मौजूद हैं और इस विशालकाय ब्रहांड में हम अकेले नहीं है.