इस साल जुलाई में Antarctica के Larcen C नामक Ice Shelf से A-68 Iceberg टूट गया था. इस Iceberg का वज़न 1 Trillion Ton और आकार, 5,800 किलोमीटर बताया गया था. ये लंदन से 4 गुना और अमेरिका के Delaware स्टेट जितना बड़ा था.
अब NASA के वैज्ञानिकों ने इस Iceberg के बारे में और जानकारी इकट्ठा करने के लिए इसके ऊपर से उड़ान भरी. नासा के वैज्ञानिक इसका आकार देखकर हैरत में पड़ गए.
मिशन में शामिल एक नासा के वैज्ञानिक, Kathryn Hansen ने Daily Mail को बताया,
मुझे पता था कि Iceberg Delaware शहर जितना बड़ा है, लेकिन ये उतना बड़ा होगा इसके लिए मैं तैयार नहीं था. मैंने अब तक जितने भी Iceberg देखे थे कोई भी इतना बड़ा नहीं था. सभी Iceberg को एक ही बार में देखना संभव था, लेकिन ये Iceberg इतना बड़ा था कि इसे एक नज़र में देखना मुमकिन ही नहीं था.
Kathryn ने आगे बताया,
A-68 इतना बड़ा है कि ये टूटने के बाद भी Ice Shelf का ही हिस्सा लगता है.
NASA का ये मिशन सिर्फ़ A-68 को करीब से देखने के लिए ही नहीं था, ये मिशन Ice के नीचे के Bedrock के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए भी था.
जुलाई में जब A-68 Ice Shelf से टूटा था, तो वैज्ञानिकों के बीच ये आशंका बनी हुई थी कि A-68 के छोटे-छोटे टुकड़े जहाज़ों के रास्ते में आ सकते हैं.
NASA के वैज्ञानिकों के अनुसार, A-68 उत्तर दिशा की तरफ़ बढ़ रहा है.
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, इतने बड़े Iceberg के टूटने का कारण ग्लोबल वॉर्मिंग नहीं है. न्यूज़ीलैंड के National Institute of Water and Atmospheric Research का मानना है कि ये घटना प्राकृतिक है और काफ़ी नॉर्मल है.
अंटार्टिका पर रिसर्च कर रही Victoria University की Professor Nancy Bertler का मानना है कि अचानक से इतने बड़े Iceberg का टूटना कहीं से भी सामान्य नहीं है. ग्लोबल वॉर्मिंग और ओज़ोन लेयर में छेद के कारण ही Antarctica के Iceberg टूट रहे हैं.
जैसी प्राकृतिक आपदाएं पिछले कुछ महीनों में आईं हैं, वो ये साबित करता है कि पृथ्वी पर जो भी हो रहा है, वो सामान्य नहीं है.