नेशनल जिओग्राफ़िक ने समुद्री जीवन अस्तित्व बचाने के लिए 9 मिलियन टन प्लास्टिक कचरे को कम करने के उद्देश्य से एक बहुआयामी पहल की है. जी हां, 9 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा, जो हर साल दुनिया भर के समुद्री तटों पर फेंका जाता है और जिसके कारण जलीय जीवों का जीवन और तटों की आबोहवा ख़राब हो रही है.
जिस तरह से मुहीम की शुरुआत हो रही है, वो केवल नेशनल जिओग्राफ़िक मैगज़ीन के द्वारा ही किया जा सकता है. इसके लिए इस मैगज़ीन में प्लास्टिक के इस्तेमाल से धरती के वातावरण पर होने वाले भयंकर असर को दिल दहला देने वाली फ़ोटोज़ के जरिए दिखाया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि National Geographic ने इन सभी फ़ोटोज़ को DailyMail.com पर पब्लिश करवाया ताकि उनकी इस विश्वव्यापी पहल के बारे में दुनिया भर के लोग जाने.
इन मार्मिक तस्वीरों में समुद्री जीवों की दयनीय स्थिति को दिखाया गया है, जो समुद्र में फेंके गए प्लास्टिक वेस्ट में उलझे हुए हैं, या उससे घिरे हुए हैं, पर ये तो एक छोटा सा दृश्य है, असलियत में नेशनल जिओग्राफ़िक ये कहना चाह रहा है कि वैश्विक स्तर पर प्लास्टिक संकट से लाखों समुद्री जीव धीरे-धीरे विलुप्त होते जाएंगे। इतना ही नहीं प्लास्टिक वेस्ट की ये समस्या इतना विकराल रूप लेती जा रही है कि आने वाले समय में जलीय ही नहीं, बल्कि स्थलीय जानवरों और इंसानों का अस्तित्व भी खतरे में आ सकता है.
National Geographic के Planet or Plastic campaign के लिए इन फ़ोटोज़, जो दुनिया भर से ली गई हैं, को मैगज़ीन के जून एडिशन से पहले ही रिलीज़ कर दिया है.
1. इस फ़ोटो में फ़ोटोग्राफ़र ने स्पेन में स्थित एक लैंडफ़िल पर इस सारस, जो एक प्लास्टिक बैग में फंस हुआ है को इससे आज़ाद करने की कोशिश की. लेकिन इस एक बैग से ना जाने कितने ही जानवर मर सकते हैं क्योंकि प्लास्टिक को नष्ट नहीं किया जा सकता है.
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2. ये कछुआ स्पेन के समुद्री किनारे पर फेंक दिए गए एक पुराने प्लास्टिक के मछली पकड़ने वाले जाल में फंस गया है. ये कछुआ अपनी गर्दन को सांस लेने के लिए पानी से ऊपर निकाल सकता था, लेकिन फोटोग्राफर इसे मुक्त नहीं कर सकता था, शायद ये मर भी गया होगा, क्योंकि फ़ोटोग्राफ़र ने उसको इस जाल से बाहर नहीं निकला था.
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3. पानी में तैरने के लिए समुद्री घोड़ा (Seahorses) बहती हुई समुद्री शैवाल या अन्य प्राकृतिक मलबे का सहारा लेता है. लेकिन Sumbawa के इंडोनेशियाई द्वीप के प्रदूषित पानी में ये समुद्री घोड़ा एक प्लास्टिक की कॉटन बड को जकड़े हुए है. इस फ़ोटो को खींचने वाले फ़ोटोग्राफ़र का कहना है कि वो नहीं चाहता है कि ऐसे और फ़ोटोज़ आगे के समय में खींची जायें.
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4. बांग्लादेश में बुरीगंगा नदी की एक नहर पर बने पुल के नीचे, एक फ़ैमिली के लोग प्लास्टिक बोतलों के लेबल्स हटा रहे हैं. ताकि वो साफ़ और हरी बोतलों को छांट कर प्लास्टिक खरीदने वाले डीलर को बेच सकें। इन डीलर से ये कूड़ा बीनने वाले हर महीने लगभग 100 डॉलर कामा लेते हैं.
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5. जापान के ओकिनावा प्रान्त में समुद्र के किनारे एक जंगली केकड़ा अपने नाज़ुक पेट को बचाने के लिए प्लास्टिक की बोतल के ढक्कन का सहारा लेता है. समुद्री बीच पर घूमने आने वाले लोग केकड़े के खोल को इकठ्ठा करने के लिए उठाकर ले जाते हैं और वहां पर गन्दगी और प्लास्टिक का कूड़ा-कचरा फेंक कर चले जाते हैं.
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6. कुछ जानवर तो अब प्लास्टिक की दुनिया में ही रहते हैं जैसे कि Ethiopia के Harar में स्थित इस लैंडफ़िल घूमते हुए ये हाइना या लकड़बग्घे (Hyenas). जैसे ही ये कचरा फेंकने वाले ट्रक्स की आवाज़ सुनते हैं, तुरंत उस कूड़े में से अपने खाने के लिए सामान ढूंढ ने लगते हैं.
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7. प्लास्टिक की बोतलों से भरा ट्रक Philippines के Valenzuela में एक रीसाइक्लिंग फ़ैक्ट्री में जाता हुआ. इन प्लास्टिक की बोतलों को मेट्रोपोलिटन मनीला की सड़कों से कूड़ा उठाने वालों ने इकठ्ठा किया और स्क्रैप डीलर्स को बेच दिया था.
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इस फ़ोटो में रीसाइक्लिंग की चुनौती को दर्शाया गया है. ये चार्ट प्लास्टिक के अलग-अलग टाइप्स को रीसायकल करने के सबसे आसान से सबसे कठिन तक तरीके में सूचीबद्ध करता है.
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इस चार्ट में आप साफ़ देख सकते हैं कि दिख रहा है कि 1950 से लेकर अब तक कितनी तेज़ी से प्लास्टिक इस्तेमाल का स्तर बढ़ा है. और किस तरह प्लास्टिक हर साल दुनिया के पारिस्थितिक तंत्र में वेस्ट के रूप में इकठ्ठा होता जा रहा है.
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‘Planet or plastic?’ नाम से इस पहल को National Geographic मैगज़ीन के जून एडिशन से पहले इसी नाम से इस अविश्वसनीय कवर फ़ोटो के साथ लांच किया गया है.
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Planet or Plastic? एक बहुआयामी पहल है, जो बढ़ते प्लास्टिक वेस्ट की समस्या और सिर्फ़ प्लास्टिक के इस्तेमाल से दुनिया के महासागरों में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के प्रति विश्वस्तर पर जागरूकता फैलाने के लिए शुरू की गई है.
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इसके अलावा प्लास्टिक न इस्तेमाल करने का सन्देश देने के लिए ये मैगज़ीन ग्रुप अपने सब्सक्राइबर्स को उनके एडिशन्स को प्लास्टिक के कवर के बजाये पेपर के कवर में पैक करके भेज रही है. ये क़दम इस ग्रुप ने पहली बार ही लिया है. इसके अलावा अब ये इसी तरह अपने उन सब्सक्राइबर्स को भी मैगज़ीन भेजेंगे जो U.S., U.K. और इंडिया के एडिशन लेते हैं. साथ ही कंपनी ने 2019 तक पेपर में लिपटे अपने सभी वैश्विक मुद्दों को रखने का वचन दिया है. dailymail के अनुसार, कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘ये परिवर्तन अकेले हर महीने 2.5 मिलियन से अधिक प्लास्टिक बैग उपयोग को बचाएगा.’
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नेशनल जिओग्राफ़िक के मुताबिक़, साइंटिस्ट्स का अनुमान है कि प्लास्टिक संकट बढ़ने से इसके वेस्ट का अस्तित्व समुद्री वातावरण में करीब 450 साल तक रहेगा, जिससे सिर्फ़ परेशानी बढ़ेगी ही. वहीं इस ऑर्गेनाइजेशन के CEO, Gary E. Knell के मुताबिक़, 130 सालों से नेशनल जिओग्राफ़िक धरती से जुड़ी स्टोरीज़ कर रहा है. लोगों को पूरी दुनिया में धरती की ख़ूबसूरती और आने वाले ख़तरों से आगाह कर रहा है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फ़ील्ड में काम कर रहे हमारे खोजकर्ता, रिसर्चर और फ़ोटोग्राफ़र हर दिन प्लास्टिक के असर से होने वाले नुकसान देखते और जानते-समझते हैं और वो मानते हैं कि ये स्थिति भविष्य में और अधिक ख़तरनाक होने वाली है. Knell ने कहा कि ‘Planet or plastic?’ कैपेंन के तहत हम अपनी स्टोरीज़ के माध्यम से बढ़ती प्लास्टिक की समस्या, रिसर्च और साइंस से इसके निपटारे को लेकर लोगों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं.
अगर आप प्लास्टिक की समस्या को जड़ से ख़त्म करना चाहते हैं, तो सबसे पहले तो प्लास्टिक के पॉलीथींस का इस्तेमाल करना बंद करिये और लोगों के साथ इस पोस्ट को ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करिये.
यहां देखिये एक वीडयो जिसमें साफ़ दिख रहा है कि कैसे प्लास्टिक वेस्ट समुद्री जीवन को नुकसान पहुंचा रहा है:
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