देश की राजधानी दिल्ली इस वक़्त प्रदूषण के धुंए, स्मॉग में जकड़ी हुई है. इस स्मॉग से दिल्ली का हर इंसान प्रभावित हुआ. 

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ख़ास कर बेघर लोगों, बच्चों और बुजुर्गों पर इसका सबसे बुरा असर पड़ा है. दिवाली के दौरान पटाखों की ख़रीद-फ़रोख़्त पर बैन लगाने के बावजूद दिवाली के फ़ौरन बाद दिल्ली का आसमान सिर्फ़ धुंए से भरा था. इस स्मॉग को और बढ़ाने का काम किया फ़सलों के जलने से उठे धुएं, एशिया में उठी धूल भरी आंधी, फ़ैक्टरी और दिल्ली में पहले से बढ़े प्रदूषण ने.

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वैसे फ़सलों के जलने से सिर्फ़ दिल्ली ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान के लाहौर पर भी असर पड़ा है. पंजाब के नज़दीक होने के कारण लाहौर भी इस स्मॉग की चपेट में आ गया. ये शहर भी दिल्ली की तरह पहले से प्रदूषण से जूझ रहा है और फ़सलों के धुंए ने इस धुएं को और बढ़ा दिया. 8 नवंबर के आस-पास लाहौर में भी स्मॉग की सफ़ेद चादर बिछ गयी थी.

स्मॉग ने दिल्ली-लाहौर को किस हद प्रभावित किया है, इसके लिए हमने दोनों शहरों की कुछ तस्वीरों को Compare किया, तस्वीरें ये रहीं:

यहां भी धुंआ बराबर है!

दोनों देशों का सिर्फ़ कल्चर ही नहीं, प्रदूषण भी मिलता-जुलता है

ख़ूबसूरती कहीं ढक गयी है

कुछ दिखा?

यात्रीगण कृपया ध्यान दें…

आम आदमी दोनों जगह पिस रहा है.

बढ़ता ट्रैफ़िक सबसे बड़ा कारण है.

सफ़ेद चादर.

देश अलग-अलग हैं, लेकिन Problems बराबर हैं.