अक्सर लोग, खासकर कि हम जैसी यंग जेनरेशन बॉलीवुड फ़िल्मों को देखकर हीरो-हीरोइन बनने के ख़्वाब देखती है. और देखे भी क्यों न, हम लोग हिंदी फ़िल्में देखकर बड़े हुए हैं और इनसे बेहद इंस्पायर्ड भी हैं. लेकिन सिर्फ़ एक्टर-एक्ट्रेस तक ही सीमित क्यों रहना? सिनेमा की दुनिया में ऐसा बहुत कुछ है जो आप कर सकते हैं. सिर्फ कैमरे के आगे ही नहीं, कैमरे के पीछे भी एक बड़ी दुनिया है, जो आपको बुला रही है. FTII, SRFTI, AAFT, ICE जैसे बड़े-बड़े इंस्टीट्यूट एक्टिंग के साथ-साथ और भी कोर्सेज़ की सुविधा देते हैं, जिनके बारे में हम जैसे ज़्यादातर लोगों को पता भी नहीं होता है.
आज हम आपको बताएंगे एक्टिंग के अलावा ऐसे ही कुछ दिलचस्प कोर्सेज़ के बारे में, जिन्हें करके भी आप पा सकते हैं सीधा टिकट टू बॉलीवुड.
1. डायरेक्शन
Anurag Kashyap – फ़िल्म डायरेक्टर
एक्टर्स जिसके इशारों पर नाचते हैं, वो है डायरेक्टर. किसी भी फ़िल्म या टीवी शो के लिए डायरेक्टर मेन पर्सन है. जैसा वो चाहता है, बिल्कुल वैसी ही उसकी फ़िल्म होती है. आप इसका कोर्स कर सकते हैं. ये कोर्स डिग्री और डिप्लोमा, दोनों में उपलब्ध है.
2. सिनेमेटोग्राफी
Binod Pradhan – सिनेमेटोग्राफर
आप सिनेमेटोग्राफी का भी कोर्स कर सकते हैं. सिनेमेटोग्राफी को फ़ोटोग्राफ़ी का डायरेक्शन कहा जा सकता है. इसमें मोशन पिक्चर फ़ोटोग्राफ़ी भी आती है.
3. साउंड रिकॉर्डिंग और साउंड डिज़ाइन
Resul Pookutty – साउंड डिज़ाइनर, साउंड एडिटर और मिक्सर
फ़िल्मों में सिर्फ visuals ही नहीं, साउंड का भी बहुत बड़ा रोल है. साउंड डिज़ाइन के अंतर्गत अलग-अलग तरह की ज़रूरत के हिसाब से साउंड ट्रैक्स बनाने सिखाये जाते हैं. इसमें ऑडियो प्रोडक्शन टेक्नीक और टूल्स का इस्तेमाल करना बताया जाता है. साउंड रिकॉर्डिंग में लाइव साउंड और स्टूडियो साउंड से रिलेटेड टेक्नीक्स भी होती हैं. आपको सिखाया जाता है कि किसी फ़िल्म या टीवी प्रोडक्शन के वक्त सेट पर प्रोफ़ेशनल ऑडियो उपकरणों का इस्तेमाल रिकॉर्डिंग के लिए कैसे किया जाए. इसके बाद उन्हें इसमें शामिल करना या साउंड डिज़ाइनर्स को रेफ्रेंस के लिए देना जैसे काम आते हैं. ये पूरा काम टेक्निकल होता है. इसमें माइक्रोफोन से लेकर रिकॉर्डिंग मीडिया और रीयल टाइम ऑडियो सिग्नल्स की मिक्सिंग आती है.
4. वीडियो एडिटिंग
Bela Segal – एडिटर
वीडियो ए़डिटिंग वीडियो शॉट्स को रीअरेंज और तोड़-मरोड़ कर एक नया वीडियो क्रिएट करने का प्रोसेस है. फ़िल्म शूट होने में बहुत सारा फुटेज होता है, जिसे वीडियो एडिटिंग के ज़रिए एक फ़िल्म में ढाला जाता है.
5. फिचर फिल्म स्क्रीनप्ले राइटिंग
Satyajit Ray – स्क्रीनप्ले राइटर
एक स्क्रीनप्ले या स्क्रिप्ट किसी भी फ़िल्म या टीवी शो को लिए written वर्क होता है. इसमें कैरेक्टर्स के डायलॉग्स, एक्शन, एक्सप्रेशन सब कुछ दिया जाता है. स्क्रीनप्ले किसी भी फ़िल्म का बैकबोन होता है. आप इसका कोर्स भी कर सकते हैं.
6. एनिमेशन एंड कंप्यूटर ग्राफ़िक्स
V. Srinivas Mohan – विजुअल इफ़ेक्ट्स डिज़ाइनर
‘बाहुबली’, ‘Ra.One’, ‘रोबोट’ जैसी ब्लॉकबस्टर फ़िल्मों में आपने CGI टेक्नीक तो देखी ही होगी. एनिमेशन एंड कंप्यूटर ग्राफ़िक्स कोर्स इसी के लिए है. इसमें फ़िल्मों या शोज़ के लिए कंप्यूटर जनरेटेड इमेजेज़ बनाना सिखाया जाता है.
7. आर्ट डायरेक्शन और प्रोडेक्शन डिज़ाइन
Wasiq Khan – आर्ट डायरेक्टर और प्रोडेक्शन डिज़ाइनर
आर्ट डायरेक्टर और प्रोडक्शन डिज़ाइनर्स सिनेमा में इल्यूजन के आर्किटेक्ट्स कहे जाते हैं. सेट डिज़ाइन से लेकर स्टोरीबोर्डिंग, डेकोरेशन, कलर और स्पेशल इफे़क्ट्स तक, सब कुछ एक आर्ट डायरेक्टर करता है. आपने फ़िल्म ‘I Hate Luv Storys’ तो देखी होगी, इसमें सोनम कपूर आर्ट डायरेक्टर का ही कैरेक्टर प्ले करती हैं.
8. फिल्म अप्रीसीएशन
Rajeev Masand – फ़िल्म क्रिटिक
Film appreciation एक ऐसा कोर्स है जिसमें फ़िल्म को हर एंगल से देखना और उसका एनालिसिस करना सिखाया जाता है. इससे आप फ़िल्मों की पूरी समझ लेकर क्रिटिक बन सकते हैं.
हर कोई एक्टर-एक्ट्रेस नहीं बन सकता है, लेकिन उसके अलावा बहुत कुछ कर सकता है. अपनी टेक्निकल और क्रिएटिव स्किल्स के ज़रिये लोगों तक कहानी को पहुंचाना भी एक बहुत बड़ा आर्ट है.