मशहूर इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माता कंपनी ‘टेस्ला’ के संस्थापक एलन मस्क एक ऐसी ब्रेन चिप पर काम कर रहे हैं, जिसके ज़रिए यूज़र्स अपने दिमाग़ से म्यूज़िक स्ट्रीम कर सकेंगे.  

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एलन मस्क की कंपनी ‘न्यूरोलिंक’ एक खास ब्रेन चिप पर काम कर रही है, जो आने वाले समय में हेडफ़ोन को पूरी तरह से ख़त्म कर देगी. इस चिप को इंसान के दिमाग़ में इम्प्लांट किया जाएगा, जिसके ज़रिए लोग म्यूज़िक सुनने के साथ-साथ म्यूज़िक स्ट्रीम भी कर सकेंगे. इसके अलावा इस चिप से यूज़र्स डिप्रेशन जैसी बीमारियों से भी छुटकारा पा सकेंगे.

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कंप्यूटर साइंटिस्ट ऑस्टिन हॉवर्ड से ट्विटर पर बात करते हुए एलन मस्क ने कहा है कि, इस ख़ास तकनीक वाली चिप की मदद से अब यूज़र्स के दिमाग़ तक म्यूज़िक पहुंचेगा. यानि कि यूज़र्स के एक इशारे पर म्यूज़िक स्ट्रीम होने लगेगा.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़, इस ख़ास तकनीक वाली ब्रेन चिप को अगस्त में लॉन्च किया जा सकता है. इस चिप को बनाने में जुटी ‘न्यूरोलिंक प्रोजेक्ट’ की शुरुआत साल 2016 में की गई थी.

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दरअसल, ‘न्यूरोलिंक’ तकनीक को इंसान के दिमाग़ से चिप और थ्रेड के ज़रिए कनेक्ट किया जाएगा. इस दौरान चिप रिमूवेबल पॉड से जुड़ी होंगी, जिन्हें कान के पीछे लगाया जाएगा और ये वायरलेस कनेक्टिविटी के मध्यम से दूसरे डिवाइस से कनेक्ट होंगी. इसके ज़रिए यूज़र्स को दिमाग़ की सही जानकारी सीधे उनके स्मार्टफ़ोन पर मिल जाएगी.

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कैसे काम करेगी ये चिप? 

इस तकनीक के तहत इंसान के दिमाग़ में N1 डिवाइस को इंप्लांट किया जाएगा. यह डिवाइस कान के पास लगाई जाएगी, जो दिमाग़ के अंदर फिट चिप से बिना वायर के कनेक्ट होगी. इस डिवाइस को N1 सेंसर नाम के एक आईफ़ोन एप से भी कंट्रोल किया जा सकेगा. कान के पास डिवाइस से एप को एक USB पोर्ट के ज़रिए कनेक्ट करना होगा. N1 चिप 96 पतले तारों के ज़रिए डाटा ट्रांसफ़र करेगी.

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अंतिम चरण में है चिप की टेस्टिंग 

एलन मस्क ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए कहा कि, ये चिप म्यूज़िक के साथ ही डिप्रेशन, अल्ज़ाइमर और पार्किसंस जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों के जीवन को बेहतर बनाएगी. चूहों और बंदरों के बाद अब इसका इंसानी टेस्ट आख़िरी चरण में है.

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बता दें कि एलन मस्क ने साल 2017 में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप ‘न्यूरालिंक’ लॉन्च किया था. अब न्यूरालिंक ने ये ख़ास डिवाइस तैयार की है.