अगर ज़िन्दगी एक ख़ूबसूरत सफ़र है, तो मौत भी किसी ख़ूबसूरत मक़ाम से कम नहीं. कभी सोचा है मौत की दहलीज़ के बारे में? क्या सोचता होगा वो इंसान, जो खड़ा हो एक ऐसी जगह पर, जिस के एक तरफ़ उसकी पूरी ज़िन्दगी पड़ी हो और दूसरी तरफ़ एक अंजान दुनिया, जिसके बारे में सिर्फ़ सुना ही गया है, उसके होने या न होने का कोई सुबूत नहीं है…

मरने से पहले हर इंसान से उसकी आख़िरी ख़्वाहिश पूछी जाती है. फांसी की सज़ा देने से पहले भी गुनहग़ार से उसकी आख़िरी इच्छा पूछी जाती है और यथा संभव उसे भी पूरा किया जाता है. पर जेल से भी ज़्यादा अनुशासन अस्पताल में होता है. इस बात से तो आप पूरी तरह सहमत होंगे.

डॉक्टर और नर्स दुनिया में सबसे ज़्यादा पूजे जाते हैं और इन्हें भगवान का ही रूप कहा जाता है. डेनमार्क के Arhus University Hospital की नर्सों ने अपने एक मरीज़ की आख़िरी ख़्वाहिश पूरी करने के लिए सारे नियमों को दरकिनार कर दिया.

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लंबे समय से बीमार 75 वर्षीय Carsten Hansen के पास ज़िन्दगी के चंद घंटे ही बचे थे. उनकी तबियत इतनी ख़राब थी की Surgery से भी उनकी जान बचा पाना नामुमकिन था. Carsten को जब ये बताया गया, तो उन्होंने अपनी आख़िरी इच्छा ज़ाहिर की. बहुत ही मामूली, पर बहुत ही ख़ास… एक ग्लास वाइट वाइन, एक सिगरेट और सूर्यास्त का नज़ारा.

अस्पताल की नर्सों ने भी दिलेरी दिखाई और सारे नियमों को नज़रअंदाज़ करते हुए Carsten के लिए सारी व्यवस्थाएं कर दीं. अस्पताल के अंदर स्मोकिंग अलाउड नहीं है, इसलिए नर्सों ने Carsten को एक बाल्कनी वाले कमरे में शिफ़्ट किया, ताकि वहां से वे सूर्यास्त का नज़ारा देख सकें.

Carsten की बेटी, Mette Guldbech Demuth ने अंग्रेज़ी वेबसाइट BT को बताया, ‘मेरे पिता की आख़िरी ख़्वाहिश थी कि वे आराम से वाइन और सिगरेट का मज़ा ले सकें. उन्हें सिगरेट बहुत पसंद है और उन्हें एक आख़िरी बार सिगरेट पीनी थी. ये मेरे परिवार के लिए भी यह बहुत बड़ी बात थी क्योंकि मेरे पिता की आख़िरी ख़्वाहिश पूरी की गई.’

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नर्स Rikke Kvist ने Avisen.dk को बताया, ‘पिछले क्रिस्मस की वाइन बची थी, मैंने उसी में से एक ग्लास Carsten को दिया. उन्होंने पहले अकेले ही सूर्यास्त को देखते हुए वाइन Enjoy की, उसके बाद सभी रिश्तेदारों के साथ आख़िरी बार कुछ प्यार भरे लम्हें बिताए. ये दृश्य काफ़ी Emotional था. रिश्तेदारों के चेहरों पर दुख साफ़ झलक रहा था.’

Carsten जैसी ज़िन्दादिली भी बहुत कम लोगों में होती है. एक सिगरेट और एक ग्लास वाइन में ख़ुश होने वाले भी बहुत कम लोग ही होते हैं. रही बात सूर्यास्त की, तो हम अपनी ज़िन्दगी में इतने ज़्यादा व्यस्त हो गए हैं कि हम अपने आस-पास की छोटी-छोटी खुशियों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं.  

Source: The Sun