दो कौड़ी, एक धेला, एक पाई सबका मोल होता है, लेकिन कितना? ये सवाल आपके ज़ेहन में भी आया होगा. आज हम आपको कौड़ी और धेले के पाई-पाई का हिसाब बताएंगे. इसे जान कर आप समझ पाएंगे कि एक रुपए में कितने कौड़ी होते हैं और कितने धेले.

पहले जानिए रुपये की कहानी

‘रुपया’ शब्द संस्कृत के ‘रुपयक’ से बना है, जिसका अर्थ ‘चांदी’ होता है और साथ में ही रुपया का संस्कृत में एक और अर्थ ‘मुहर’ है. रुपये की शुरुआत शेरशाह सूरी ने 15वीं सदी में की थी. उस समय तांबे के 40 सिक्के एक रुपये के बराबर होते थे. इन सिक्कों को दाम कहा जाता था. रुपया मूलतः चांदी से बनता था, जिसका वज़न 11.34 ग्राम होता था. अंग्रेज़ों के शासन काल तक भी चांदी का रुपया ही चलता रहा.

रुपये से पहले क्या?

रुपये से पहले भारत में खरीदारी करने के लिए वस्तु-विनिमय का प्रयोग किया जाता था. इसके बाद प्राचीन भारतीय मुद्राएं फूटी कौड़ी, कौड़ी, दमड़ी, धेला, पाई, पैसा, आना, रुपया का सफ़र शुरू हुआ.

आइए जानते हैं फूटी कौड़ी से रुपये का सफ़र

1. तीन फूटी कौड़ियां होती हैं एक कौड़ी के बराबर, 2600 कौड़ियों से बनता है 1 रुपया.

2. कौड़ी से दमड़ी और दमड़ी से बना धेला

3. धेला से पाई और पाई-पाई जोड़ कर जमा होते हैं पैसे

4. पैसे से बनते हैं आने और आने से मिलकर बनते हैं रुपये, जो आज आपकी और हमारी जेबों में खनकते हैं.

5. बात चवन्नी और अठन्नी की

साल 1957 में रुपये का दशमलवीकरण हो गया और एक रुपया 100 पैसे का हो गया. इसके बाद चवन्नी और अठन्नी का खेल शुरू हुआ.

एक रुपये में होते हैं 16 आने और 64 पैसे, ये पैसा आज वाला नहीं पुराना है, जो पाई-पाई जोड़कर बनता था. ऐसे ही एक रुपये में 192 पाई होती हैं. एक रुपये में पूरे 128 धेले होते हैं. कहावत आपने सुनी ही होगी, ‘चमड़ी जाए, पर दमड़ी न जाए’. दमड़ी की कीमत भी जान लीजिये, एक रुपये में 256 दमड़ी होती हैं.

ये थी रुपये बनने की कहानी, अब आपको मम्मी का वो डायलॉग समझ आ रहा होगा, जब वो कहती हैं,’ फ़्री में नहीं आता है कुछ, ‘पाई-पाई जोड़’ के उठाते हैं तुम्हारे खर्च’. और हां, पैसा बोलता है, ये किसी गाने के बोल नहीं, आरबीआई की वेबसाइट का नाम है. यकीन नहीं, तो चेक कर लो.