‘कम खा फट जाएगी.’

‘अरे ये ड्रेस मत ख़रीद, तेरी तोंद दिखेगी.’
‘अरे देखो, बुलडोज़र जा रही है!’

खाने से लेकर पहनने तक सब पर तथाकथित समाज के ठेकेदार ज्ञान देते हैं. ज़्यादा वज़न वाले लड़कों की तुलना में लड़कियों को हमेशा ज़्यादा बातें सुनने को मिलती हैं.


मॉल्स में जाकर 15 ड्रेस ट्राई करने के बावजूद भी सही फ़िटिंग की ड्रेस नहीं मिलने पर दोस्तों का हंसी उड़ाना, अंडरगार्मेंट्स की दुकान पर प्लस साइज़ की ब्रा का न होना, ऑटो में ज़्यादा जगह लेने के लिए साथ वाले द्वारा टोका जाना ये सब किसी भी ज़्यादा वज़न वाली लड़की की ज़िन्दगी की बेहद आम घटना है. 

Humans of Bombay ने एक प्लस साइज़ लड़की, आशना की कहानी शेयर की है. ये कहानी न सिर्फ़ आपको प्रेरित करेगी पर ख़ूबसूरती के विषय में आपकी सोच भी बदल देगी.    

‘स्कूल में मुझे ‘मोटी’ कहकर बुलाते थे. टीचर मुझे और मेरी जैसी ‘मोटी लड़कियों’ को रोककर रखतीं और हमें ग्राउंड के चक्कर लगवातीं. वो हमें शर्मिंदा महसूस करवाना चाहती थीं ताकि हम अपनी मनपसंद चीज़ें खाने से पहले 2 बार सोचें. मुझे याद है एक बार मैंने स्कूल डांस के लिए ऑडिशन दिए थे. टीचर्स को मेरा डांस पसंद आया पर उन्होंने मुझे नहीं लिया क्योंकि मेरे परफ़ॉर्मेंस के दौरान स्टेज काफ़ी हिल रहा था.


कॉलेज में भी ये सब नहीं रुका. मैं फ़ैशन डिज़ाइनिंग पढ़ रही थी और सभी डिज़ाइनर्स को अपने कपड़े बनाने होते थे. मुझे ही एक ‘पतली’ मॉडल दी गई. मेरे सभी क्लासमेट्स अपने कपड़े दिखाते और मैं कोने में बैठी किसी दूसरी को मेरी डिज़ाइन्स पहने देखती. मुझसे और बर्दाशत नहीं हुआ और मैंने ठान लिया कि ये शेमिंग और नहीं सहूंगी. 

मैंने अपने आप से कहा कि मैं कुछ ऐसा करूंगी जिससे दुनिया प्लस साइज़ महिलाओं को दूसरी नज़र से देखे. मैंने एक ब्लॉग बनाया मैं ड्रेस्ड अप होकर, बॉडी पॉज़िटिविटी कैपशन्स के साथ अपनी तस्वीरें Instagram पर डालती. मैंने कुछ समय तक ये किया और मेरी एक फ़ोटो वायरल हो गई! लोगों ने काफ़ी सकारात्मक और उत्साहवर्धक बातें लिखीं.


मैं अपने सफ़र के बारे में ब्लॉग्स लिखती रही ताकी लोग ये समझ सकें कि ख़ूबसूरती हर शेप और साइज़ में आती है! कुछ दिनों बाद मुझे एक ब्रैंड का चेहरा बनने का ऑफ़र मिला. यही नहीं एक मॉल में मेरा बड़ा सा पोस्टर भी लगा. ये बेहद ख़ास एहसास था- मुझे बहुत गर्व महसूस हुआ.

आज मैं जो कुछ भी हूं वो इसलिए नहीं कि अपने Bullies को दिखा सकूं कि मैं उनसे बेहतर हूं या मैंने ऐसा कुछ हासिल कर लिया है, जो उन्होंने मेरे लिए कभी सोचा भी नहीं होगा. ये उस लड़की के लिए है जिसका स्कूल में मज़ाक उड़ाया जाता है, उस महिला के लिए है जिसे घर में वज़न कम करने को कहा जाता है और उन लोगों के लिए है जो आईना देखकर ख़ुश नहीं होते हैं. उन्हें ये बताने के लिए है कि वो जैसे हैं ख़ूबसूरत हैं. तुम, तुम हो और तुम बेहतरीन हो, इसलिए कभी किसी को ख़ुद को नीचा दिखाने मत दो. ‘ 

आशना एक सफ़ल मॉडल, लाइफ़स्टाइल ऐंड फ़ैशन ब्लॉगर हैं. 


आशना की कुछ तस्वीरें- 

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आशना की कहानी पढ़कर लोगों की प्रतिक्रिया- 

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