हमारे देश में विज्ञान, आर्ट, सोशल वर्क या इंजीनीयरिंग में योगदान के लिए दिया जाने वाला सबसे बड़ा अवॉर्ड है पद्म श्री. इस बार 16 लोगों को इस अवॉर्ड के लिए चुना गया है. इन लोगों के बारे में हममें से ज़्यादातर लोग नहीं जानते होंगे, लेकिन ये देश वो हीरोज़ हैं, जिनके बारे में हर भारतीय को जानना चाहिए.

1. डॉक्टर भक्ति यादव

91 साल की डॉक्टर भक्ति यादव जी Gynecologist हैं. जो पिछले 68 सालों से मुफ़्त में लोगों का इलाज करके अपना पेशा बखूबी निभा रही हैं. इतने सालों के करियर में उन्होंने कई हज़ार बच्चों को जन्म दिलवाया और इसके बदले में उन्होंने किसी से भी एक रूपया नहीं लिया.

2. मीनाक्षी अम्मा

76 साल की मीनाक्षी अम्मा देश की सबसे उम्रदराज़ महिला हैं, जो दुनिया के सबसे पुराने आर्ट फ़ॉर्म Kalaripayattu सिखाती हैं. इनके कई छात्रों ने दुनियाभर में इस आर्ट को फ़ैलाया है. 68 साल से मीनाक्षी अम्मा Kalaripayattu आर्ट के साथ जुड़ी हुई हैं.

3. Daripalli Ramaiah

कौन कहता है कि एक इंसान दुनिया नहीं बदल सकता. 68 साल के Daripalli Ramaiah जी इसकी मिसाल हैं. उन्होंने दुनिया को हरियाली लौटाने का जिम्मा उठाया है. अभी तक इन्होंने पूरे देश में 1 करोड़ से ज़्यादा पेड़ लगाएं हैं.

4. डॉक्टर सुब्रतो दास

इनके पेशे को भगवान के बराबर का दर्ज़ा हासिल है और डॉक्टर सुब्रतों ने इस बात को दर्शाया भी है. ‘Lifeline Foundation’ नाम की एक संस्था को इन्होंने खोला है. ये फाउंडेशन सड़क पर होने वाले हादसों में इलाज के लिए 15 से 20 मिनट में पहुंचती है. महाराष्ट्र, केरल, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में ये काम कर रही है. जल्द ही इसकी ब्रांच पूरे भारत में खोली जाएंगी.

5. बिपिन गनात्रा

59 साल के बिपिन एक आम आदमी हैं, लेकिन इनकी ख़ास बात ये है कि पिछले 40 सालों से कोलकाता में जहां भी आग लगी है, ये वहां पहुंच कर लोगों को निकालनें में फ़ायर ब्रिगेड की मदद करते हैं. कई बार इन्होंने खुद की जान को जोखिम में डाल कर लोगों को बचाया है.

6. शेखर नायक

Blind क्रिकेट के सबसे बड़े सुपरस्टार, जिन्होंने भारत को अपनी कप्तानी और बल्लेबाज़ी के दम पर T-20 और वन-डे में वर्ल्ड कप जिताया है. Blind क्रिकेट में इन्हें दुनिया का सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ कहा जाता है. इनके नाम कुल 32 शतक हैं.

7. गिरीश भारद्वाज

66 साल के इंजीनीयर गिरीश भारद्वाज ने भारत के उन पिछड़े इलाकों में 100 से ज़्यादा पुल बनाएं हैं, जहां सरकार ने कभी ध्यान ही नहीं दिया. इन पुलों की खास बात ये है कि ये इको फ़्रेंडली होने के साथ-साथ पूरी तरह से सुरक्षित भी हैं.

8. Thangalevu Mariyappan

पैरालम्पिक में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने वाले Thangalevu Mariyappan देश के तीसरे ऐसे खिलाड़ी बन गए, जिन्होंने पैरालम्पिक में भारत को सुनहरा पदक जिताया. इन्होंने इनाम में मिली राशि का एक बहुत बड़ा हिस्सा अपने स्कूल को दे दिया, जिससे वहां खेल को बढ़ावा दिया जा सके.

9. एली अहमद

एक लेखिका जो अपने शब्दों के दम पर असम में बच्चों और महिलाओं के हक के लिए लड़ रही हैं. इन्होंने अपनी पत्रिका को पूरी तरह से महिलाओं को शिक्षित करने के लिए समर्पित किया है. 81 साल की एली अहमद जी ने असम में जो काम किया है, वो काबिले तारीफ़ है.

10. बलबीर सिंह सीचेवाल

160 किलोमीटर लम्बी नदी Kali Bein,जो पंजाब की जान है उसे अपने साथियों के साथ मिल कर पूरी तरह से साफ़ करने का बखूबी काम किया है बलबीर सिंह सीचेवाल जी ने. साल 2000 में इन्होंने अकेले ही इसे साफ़ करने का बीड़ा उठाया. वक़्त के साथ लोग जुड़ते गए और साल 2008 तक ये नदी पूरी तरह से साफ़ हो गई.

11. गेनाभाई दरगाभाई पटेल

पेशे से किसान गेनाभाई दरगाभाई पटेल ने मॉडर्न स्टाइल से खेती करनी शुरू की. ये दिव्यांग हैं, लेकिन अपनी इस कमी को कभी भी खुद पर हावि नहीं होने दिया. अपने इलाके में मॉडर्न खेती को बढ़ावा दिया, लोगों को इसके बारे में जागरूक किया. आज ये और इनका पूरा इलाका खेती के दम पर काफ़ी आगे बढ़ चुका है.

12. करीमुल हक़

एम्बुलेंस न होने की वजह से करीमुल हक़ जी ने अपनी मां को खो दिया था. इसके बाद उन्होंने एक मिशन शुरू किया, जिसमें उन्होंने अपनी बाईक को ही एम्बुलेंस बना दिया. आज पश्चिम बंगाल के जिले दालहबारी में इनकी एम्बुलेंस 24×7 उपलब्ध रहती है. इन्होंने अपनी इस एम्बुलेंस से करीब 3 हज़ार से ज़्यादा लोगों की जान बचाई है.

13. लोक गायिका सुकरी बोम्मा गौड़ा

पेशे से लोक गायिका सुकरी बोम्मा गौड़ा एक ऐसी महिला हैं, जिन्होने कर्नाटक में शराब बंदी के लिए आवाज़ उठाई है. 75 साल की सुकरी जी अपने छोटे से ग्रुप के साथ पूरे राज्य का दौरा करती हैं और संगीत के ज़रिए लोगों को शराब का इस्तेमाल करने से मना करती हैं.

14. Chintakindi Mallesham

सिल्क की एक साड़ी को बनाने में करीब 5 से 6 घंटे का समय लगता था. लेकिन Chintakindi Mallesham ने एक ऐसी मशीन इजात की जिससे ये समय घट कर 1 घंटा हो गया है. इस मशीन से साड़ी बनाने वालों का उत्पाद काफ़ी बढ़ गया है. 44 साल के Chintakindi Mallesham ने अपनी पहली मशीन 1999 में बनाई थी, जिसे कुछ सुधार के बाद 2001 में आंध्र प्रदेश और ओडिशा के बाज़ारों में उतारा गया. आज इस मशीन की सहायता से सिल्क का बाज़ार एक बार फिर बढ़ रहा है.

15. डॉ. सुहास विट्ठल मापुस्कर

88 साल के डॉ. सुहास विट्ठल मापुस्कर ने 50 साल पहले स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की थी. अपनी पहल से उन्होंने पुणे के पास अपने गांव देहु को कचरा मुक्त बना दिया. उन्होंने टॉयलेट का महत्व भी लोगों को समझाया है. उन्होंने एक वेबसाइट भी बनाई, जहां बहुत कम पैसों में लोगों के घरों में टॉयलेट बनाने का काम किया जाता है.

16. डॉ. सुनीति सोलोमन

भारत में AIDS जैसी घातक बीमारी से लोगों को जागरूक करने का काम डॉ. सुनीति सोलोमन ने ही किया था. साल 1985 में इन्होंने सबसे पहला AIDS पेशेंट Diagnosed किया था. इसके बाद इन्होंने इस बीमारी पर कई रिसर्च कीं. 76 साल की डॉ. सुनीति सोलोमन जी ने भारत का पहला AIDS Resource Group भी बनाया.

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