ये लाइन हर व्यक्ति ने अपने बच्चपन में अपने पेरेंट्स, बड़े-भाई बहनों और रिश्तेदारों या टीचर्स से ज़रूर सुनी होगी. पढ़ना-लिखना हर व्यक्ति के लिए ज़रूरी है क्योंकि हमारी एजुकेशन पर ही हमारा भविष्य निर्भर करता है. मगर पढ़ाई को लेकर बच्चों पर अनावशयक दबाव बनाना कहीं से भी जायज़ नहीं है. वैसे भी कहा जाता है कि हर व्यक्ति में कोई न कोई हुनर ज़रूर होता है फिर चाहे वो कलाकारी करना हो, एक्टिंग करना या फिर नाचने-गाने की कला का होना.
“पढ़ोगे-लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे होंगे ख़राब…”
मगर ये भी सच है कि अपने बच्चों को साक्षर बनाने के लिए पेरेंट्स हर संभव कोशिश करते हैं. पर अब पहले वाला समय नहीं है, जब पढ़ाई सरल हुआ करती थी. आज बच्चों पर पढ़ाई का इतना प्रेशर होता है कि वो तनाव का शिकार हो जाते हैं. और हमेशा से ही हमारे देश में बच्चों की योग्यता का आंकलन उनकी मार्कशीट से किया जाता है. बाहर वाले तो बाहर वाले, घर के लोग भी बच्चों की तुलना और उनकी कार्य कुशलता को उनके नम्बरों से ही आंकते हैं. कभी बगल वाले शर्मा जी के बच्चे से अपने बच्चे की तुलना करना, तो कभी तुम कभी कुछ नहीं कर पाओगे जैसी कड़वी बातें करके पेरेंट्स अपने ही बच्चे का मनोबल और आत्मविश्वास ज़ीरो कर देते हैं.
लेकिन मेरा मानना है कि ज़रूरी नहीं कि हर सब्जेक्ट में टॉप करने वाला बच्चा ही अपने जीवन में एक सफ़ल व्यक्ति बन सकता है. हो सकता है कि आपके बच्चे का इंटरेस्ट पेंटिंग में हो, वो बहुत अच्छी पेंटिंग करता हो, तो उसको मैथ्स में 100 नंबर लाने के ज़रूरत नहीं है. अगर वो अपना करियर आर्ट में बनाना चाहता है तो उसको तय करने दें कि उसको क्या करना है और क्या नहीं.
अब समय बदल चुका है , अब सफल होने के लिए सिर्फ़ इंजीनियर या डॉक्टर ही बनाना ज़रूरी नहीं है आज के ज़माने में बच्चों के लिए कई और रास्ते खुल चुके हैं. इसलिए अब हर पेरेंट्स को अपने बच्चों से पढ़ाई को लेकर वो बातें बोलनी बंद कर देनी चाहिए, जो वो सालों से बोलते आ रहे हैं.
तो चलिए अब देखते हैं कि पेरेंट्स को कौन सी बातें अब नहीं बोलनी चाहिए:
– उठ जाओ सुबह का पढ़ा हुआ हमेशा याद रहता है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/04/5ac6117ef89ec148b0379982_ffda467d-6737-451c-a58d-c1e9c8a857fd.jpg)
– अच्छे मार्क्स नहीं आये तो टॉप के कॉलेज में एडमिशन नहीं होगा.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/04/5ac6117ef89ec148b0379982_5e3cb06f-b2d6-40a4-92ab-1f54807009dc.jpg)
– पढ़ना-लिखना नहीं है तो किताबों को आग लगा दो या रद्दी में बेच दो.
– पढ़ोगी नहीं तो दूसरे के घर जाकर चौका-बर्तन करोगी.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/04/5ac6117ef89ec148b0379982_acae6d78-7483-47c5-bc81-05af2a7e1725.jpg)
– पढ़ाई को छोड़कर कोई भी काम करवा लो इससे.
– अगर थोड़ा और मेहनत कर लेते तो और पूरे-पूरे नंबर आ सकते थे.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/04/5ac6117ef89ec148b0379982_d9aea31a-6468-48ef-8666-2a0bbf7a3a64.gif)
– हम इनको पढ़ाने के लिए हर कोशिश कर रहे हैं, कोई कमी नहीं रख रहे और इनको कोई मतलब ही नहीं है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/04/5ac6117ef89ec148b0379982_6666ea95-8ad1-47e5-a48d-9cee752c4fc2.gif)
– पढ़ने वाले तो मोमबत्ती की रौशनी में भी पढ़ लेते हैं बस लगन होनी चाहिए.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/04/5ac6117ef89ec148b0379982_dc1c1346-4777-40e4-b484-2826b7185766.jpg)
– क्यों हमारे पैसे बर्बाद कराने में लगे हो, जाओ सब्ज़ी का ठेला ही लगा लो जाकर.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/04/5ac6117ef89ec148b0379982_6dde618f-ae0c-4273-a6cc-a91463861bd2.gif)
– बस पढ़ाई का नाम लिया नहीं कि शुरू हो गया नींद का नाटक.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/04/5ac6117ef89ec148b0379982_3ac3f3ab-76dd-435b-bd0a-5133a0e2bf3b.gif)
– इस बार पैरेंट-टीचर मीटिंग में को शिकायत नहीं मिलनी चाहिए.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/04/5ac6117ef89ec148b0379982_d2cc07fa-c96f-49bd-a647-24ffb750d327.gif)
– नंबर अच्छे नहीं आये तो हॉलिडे का प्लान कैंसल.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/04/5ac6117ef89ec148b0379982_99a2272c-cd93-470c-ad4f-accea767030f.jpg)
– वीडियोगेम खेलते रहो तुम बस जब नंबर ख़राब आएंगे तब बात करेंगे तुमसे.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/04/5ac6117ef89ec148b0379982_1c1a54ad-c5b0-4b0b-9e1b-1d43b90d7755.jpg)
– पड़ोस वाले शर्मा जी के बेटे को देखो कितने बढ़िया मार्क्स आये हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/04/5ac6117ef89ec148b0379982_ecb597bc-5a43-48f0-b3c6-f1eefcf3dee5.gif)
– क्यों पैसे बर्बाद कर रही हो हमारे, इससे अच्छा घर का काम ही कर लो.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/04/5ac6117ef89ec148b0379982_36bc4df7-48b9-4b0a-9e55-bec58d0ded5a.gif)
– किताबें क्या अलमारी में सजाने के लिए खरीदी हैं?
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/04/5ac6117ef89ec148b0379982_524116fc-1b6c-40bd-878d-3f3cc1d4e2ec.gif)
– इस बार ये ज़रूर हमारी नाक कटवाने की तैयारी में है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/04/5ac6117ef89ec148b0379982_bfd6b586-ab34-4db5-b347-2c879fdf7231.gif)
– कभी-कभी बेटा कोर्स की किताबें भी पढ़ लिया करो.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/04/5ac6117ef89ec148b0379982_b0282e0f-27ac-4a8f-9407-27dee757c270.gif)
– ब्रह्मबेला में दिमाग बहुत शांत रहता है, तभी पढ़ा करो.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/04/5ac6117ef89ec148b0379982_36882a8a-d1ed-4719-a651-c0c5337e9a03.jpg)
– किताब की इज़्ज़त नहीं करोगे तो क्या ख़ाक अच्छे नंबर आएंगे.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/04/5ac6117ef89ec148b0379982_eab10689-1b40-4814-b291-c388e3fbd70e.gif)
– कभी कॉपी-किताब भी उठा के देख लिया करो सारा दिन क्रिकेट ही खेलते रहते हो, पेपर में बैट और बॉल छाप के आओगे.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/04/5ac6117ef89ec148b0379982_fab324c6-4135-4b0f-99f0-c00ffefcaa37.jpg)
तो, पेरेंट्स आपसे गुज़ारिश है कि अपने बच्चों पर अनावश्यक दबाव बनाने के बजाए, उनसे बात करें, उनको समझने की कोशिश करें, क्योंकि तनाव की स्थिति में बच्चे ठीक से पढ़ाई नहीं कर सकते हैं.