अकसर हम जानें-अनजानें में कई ग़लत काम कर बैठते हैं, लेकिन इनमें से कुछ ऐसी भी होती हैं, जो हमारी ज़िंदगी में एक नया रंग भर देती हैं. इस दौरान बुरा भी लगता है, मन में एक अजीब सी बेचैनी और छटपटाहट भी रहती है. कई बार अकेले में फ़ूट-फ़ूट कर रोते भी हैं, लेकिन तभी अचानक हमारी लाइफ़ में एक ऐसा बदलाव आता है, जिसे देख कर लगता है कि ये ग़लती तो सही चीज़ के लिए हुई. कभी अगर अपनी ग़लती पर पछतावा हो, तो एक बात याद रखना कि जो भी होता है, हमेशा अच्छे के लिए होता है. ऐसा सिर्फ़ हमारा मानना नहीं है, बल्कि ज़िंदगी के मुश्किल दौर से गुज़र चुके इन लोगों का भी कहना है.

आइए जानते हैं कि अपनी ग़लतियों के बारे में इन लोगों का क्या कहना है :

1. जिगरी यार से झगड़ा करना

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समुद्र से भी गहरी थी हमारी यारी, पर एक दफ़ा एक लड़की की वजह से हम दोनों बीच में काफ़ी झगड़ा हुआ और करीब 1 साल तक हमने एक-दूसरे से बात नहीं की. इस एक साल में हम दोनों को एक चीज़ समझ आ गई कि हम दोनों एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते. इसके साथ ही हमारी दोस्ती पहले से और ज़्यादा गहरी हो गई. शुभम आशीष

2. टीम लीडर की पोस्ट छोड़ना

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मैं एक मीडिया कपंनी में बतौर टीम लीडर जॉब करती थी, पर हालात कुछ ऐसे हुए कि मजबूरन मुझे इतनी बड़ी पोस्ट छोड़ कर कॉपी राइटर बनना पड़ा. ये दौर मेरी ज़िंदगी का सबसे बुरा दौर था. सीनियर पोस्ट से कॉपी राइटर बनना ऐसा लग रहा था कि मानो मैंने बहुत ग़लती कर दी हो, लेकिन इसके थोड़े दिन बाद ही वो पेज बंद हो गया और तब मुझे एहसास हुआ कि जो भी होता है, अच्छे के लिए होता है. क्योंकि अगर मैं वो पोस्ट नहीं छोड़ती, तो पेज बंद होने का इल्ज़ाम मुझ पर ही आता. लीशा चौहान

3. फ़िजि़क्स के नोट्स खो देना

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12वीं क्लास के एक्ज़ाम नज़दीक थे और पता नहीं कैसे मेरे फ़िज़िक्स के नोट्स खो गए. इसके बाद मुझे फिर से नोट्स तैयार करने पड़े, जिसके लिए मैंने दोबारा से सब कुछ पढ़ा. वहीं एक्ज़ाम से कुछ वक़्त पहले ही मेरा हाथ फ़ैक्चर हो गया, अब मैं कुछ लिखने और पढ़ने की हालत में नहीं थी. हांलाकि, बड़ी हिम्मत करके पेपर देने के लिए पहुंची और एक्ज़ाम दिया. उस समय मुझे महसूस हुआ कि अगर मेरे नोट्स न खोते, तो मैं ये सब कुछ दोबारा नहीं पढ़ती और न ही आज परीक्षा में कुछ लिख पाती. आकांक्षा थपलियाल

4. CS न बन पाना

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दो साल की कड़ी मेहनत करने के बाद भी मुझे किसी कंपनी में CS बनने का मौका नहीं मिल पाया. आखिरकार मैंने हार मान अपना ख़ुद का बिज़नेस शुरू किया और आज मेरी इनकम CS से ज़्यादा है. अब जाकर लगता है कि अगर मैं CS बन जाती, तो इतना सब न मिल पाता. ज्योत्सना कौशिक

5. टीवी चैनल छोड़ कर वेब में आना

मैं एक बड़े चैनल में काम करती थी, लेकिन वहां अपना फ़्यूचर ब्राइट नहीं नज़र आ रहा था. इसीलिए मैंने वेब जॉइन करने का फ़ैसला लिया, लेकिन शुरुआत मुझे एक छोटी सी जगह से करनी पड़ी. उस वक़्त मैं अपनी पहली कंपनी को मिस करती थी, ऐसा लगता था कि यार मैं इतना बड़ा ब्रांड छोड़ एक छोटी सी जगह जॉब कर रही हूं, लेकिन कुछ टाइम में मुझे वहां बहुत कुछ सीखने को मिला और आज मैं एक बड़ी डीजिटल मीडिया कंपनी में काम करती हूं. आकांक्षा तिवारी

6. पहला ब्रेकअप

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अगर मेरा पहला ब्रेकअप नहीं होता, तो शायद मुझे अपनी ग़लतियों का अहसास नहीं होता और न ही फिर मैं अपना दूसरा रिलेशन इतने अच्छे से निभा पाती. रेनू तिवारी

6. एक्सीडेंट

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ऑफ़िस की तरफ़ से हरियाणा प्लांट शूट के लिये जाना था, लेकिन तभी रास्ते में मेरा एक्सीडेंट और जिस वजह से मैं 3 दिनों तक ऑफ़िस नहीं जा पाया. इसके साथ ही मेरा बाहर जाना भी कैंसल हो गया और मैं खु़श हो गया, क्योंकि वो जगह ख़तरे वाली थी और वहां कोई नहीं जाना चाहता था. सौरभ राय

7. शादी करना

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कई सालों तक रिलेशन में रहने के बाद मैंने और मेरे बॉयफ़्रेंड ने शादी का निर्णय लिया, लेकिन मैं शादी नहीं करना चाहती थी, क्योंकि मुझे ऐसा लगता था कि शायद शादी करके मैं उसके साथ ख़ुश नहीं रह पाउंगी. ख़ैर मैंने शादी कर ली और जिसे मैं बड़ी ग़लती समझती थी वो एक अच्छा फ़ैसला बन गया. इसकी वजह कई मुद्दों पर हमारी अलग-अलग सोच का होना था, लेकिन आज मैं इस रिश्ते और शादी दोनों से बहुत ख़ुश हूं. आकांक्षा थपलियाल

8. अपना शहर छोड़, मेट्रो सिटी जाना

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नौकरी की वजह से मुझे अपना घर छोड़ कर मुंबई शिफ़्ट होना पड़ा, जहां मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था. मुझे अपने सारे काम भी ख़ुद ही करने पड़े रहे थे. इस वजह मैं और ज़्यादा परेशान हो रहा था, लेकिन अब अहसास होता है कि अगर ऐसा न होता, तो शायद मैं इंटिपेंडट न हो पाता. सुधांशु तिवारी

अगर आपके साथ भी कभी कुछ ऐसा हुआ है, तो कमेंट बॉक्स में जा कर अपना किस्सा शेयर कर सकते हैं और हां कभी-कभी ग़लतियां अच्छी होती हैं.