चाहे ऑफिस के लिए भगदड़ हो या कॉलेज जाने की जल्दी, घर से निकलते ही ऊपर वाले से दुआ करते हैं कि आज टाइम पर बस मिल जाये, कल से पक्का जल्दी निकलेंगे. पर अगले दिन फिर वही हाल होता है. पहले वाली बस निकल चुकी होती है और अगली का इंतज़ार होता है. बस के आते ही फिर भगदड़ शुरू हो जाती है, हर किसी को इसी की जल्दी होती है कि उसे सीट मिल जाये, पर न चाहते हुए भी उसे खड़े हो कर ही जाना पड़ता है और फिर वही लोगों की बकैतियां, पसीने की बदबू और ऊल-जलूल पॉलिक्टिक्स की बातें. देश के 29 राज्यों में से 28 राज्यों का यही लेखा-जोखा है.

पर इस सफर का भी अपना ही एक अलग आनंद है और जब यह सफर हरियाणा रोडवेज़ का हो, तो कहने ही क्या! तो दोस्तों आज हम आपको कुछ ऐसे किरदारों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हरियाणा रोडवेज़ में आपको अकसर देखने को मिल जायेंगे.

बीड़ी पिता ताऊ

हरियाणा रोडवेज़ की खास पहचान तो अपना वो ताऊ है, जो पिछली सीट पर बैठा बेखौफ खिड़की में से धुंआ बाहर छोड़ता है. लोगों के लाख मना करने के बावजूद वो बीड़ी का आखिरी कश लेकर ही मानता है.

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बच्चों के फ़ौज वाली औरत

बस स्टार्ट होते ही कुछ कदम चलती है कि एक ऐसी औरत बस में चढ़ती है, जिसके साथ एक नहीं, दो नहीं बल्कि तीन-तीन बच्चे चढ़ते हैं. इसके अलावा एक बच्चा उसकी गोद में कुछ इस कदर लिपटा होता है, जैसे कोई उसे छीन कर भागने वाला हो.

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अखबार पढ़ते अंकल

बस सीट पर नज़र दौड़ाओ, तो आपको एक सीट पर ऐसे अंकल भी दिखाई देंगे, जिनके हाथों में अखबार होगा पर उनकी नज़रें आगे वाली सीट पर बैठी लड़की पर होगी.

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तीन-दो-पांच खेलते बूढ़े

बस की लास्ट सीट पर अकसर सरकारी दफ्तरों से छूटे कुछ अंकल लड़ते हुए दिख जायेंगे, जब आप बात का पता लगाएंगे, तो मालूम होगा कि किसी ने पत्ते खेलते हुए फिर से बेईमानी कर ली है.

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देहाती इंग्लिश मैडम

टिप-टॉप कपड़े और आंखों पर काला चश्मा पहने जैसे ही ये मैडम बस में चढ़ती है, न चाहते हुए भी लोगों की निगाहें अपने-आप उनकी तरफ हो जाती हैं, पर जैसे ही मैडम अपने असली अवतार में आ कर हरियाणवी में गेड़ी मारते लड़कों को हड़काती हैं, सब चुपचाप अपनी निगाहें मैडम से हटा लेते हैं.

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लड़कियों पर लाइन मारते लफाड़े

बढ़िया परफ्यूम में नहाये हुए, ब्रांडेड कपड़े पहने, चार-पांच लौंडों का एक ग्रुप बिलकुल गेट के पास ऐसे मिलता है, जैसे इन्हें ही चौकीदारी की जिम्मेदारी दी गई हो. आने-जाने वाली लड़कियों को ये लौंडे कुछ ऐसे देखते हैं, जैसे इन्हें अभी जा कर खा जायेंगे.

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रिश्तेदारी निभाता कन्डक्टर

कन्डक्टर के बिना भला कोई बस चल सकती है, पर रोडवेज़ में मिलने वाले इस कन्डक्टर की बात ही निराली है. कभी ताऊ को टिकट देता, कभी ताई वाले को आगे करता ये कन्डक्टर कुछ ऐसा होता है कि हर किसी से रिश्तेदारी सी बन जाती है.

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पसीने में नहाया हुआ इंसान

ये इंसान तब दिखाई नहीं देता, जब स्टैंड पर खड़ी बस सवारियों का इंतज़ार कर रही थी, पर जैसे ही बस चल पड़ती है, तो ये बस के पीछे कुछ ऐसे भागता हुआ दिखाई देता है, जैसे ‘DDLJ’ में शाहरुख़, काजोल के पीछे पड़ा था. बस में इसके चढ़ने का पता इसके पसीने की बदबू से ही चल जाता है.

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चलती फिरती STD

स्टैंड से बस स्टार्ट हुई नहीं कि ये लड़की फ़ोन पर बात करने लग जाती है और इसकी बातों का सिलसिला तब तक जारी रहता है, जब तक कि उसका स्टैंड नहीं आ जाता.

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हां तो भाई लोगों कुछ रह गया हो, तो बता देना क्योंकि रोडवेज का सवाल है और वो भी हरियाणा रोडवेज का.

Feature Image Source: rajsthanptrika