इन दिनों पूरे देश में दिवाली की धूम है. बाज़ार और मॉल्स सज चुके हैं. लोग ज़ोर शोर से खरीदारी कर रहे हैं. हमारे देश में होली, दिवाली, ईद, बैसाखी हर त्यौहार को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. लेकिन इन सबके बीच हम अपने आस-पास के और अपने पालतू जानवरों के बारे में भूल जाते हैं. हम भूल जाते हैं कि वो बेज़ुबान हैं और अगर उनको हमारी किसी चीज़ से दिक्कत होगी तो वो हमको बता नहीं पाएंगे. त्यौहार के बीच हमको पालतू और सड़क पर घूमने वाले जानवरों की ज़्यादा देखभाल करने की ज़रूरत होती है. ख़ास तौर पर दिवाली के दौरान जब हम पटाखे जलाते हैं.
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इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि दिवाली में अपने जानवरों की केयर कैसे करें:
1. जहां जानवर न हों वहां जलाये पटाखे
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दिवाली पर ऐसा होना तो नामुमकिन है कि पटाखे न जलाये जाएं. पर पटाखे जलाते वक़्त हम इतना तो ध्यान रख ही सकते हैं कि जहां सड़क के कुत्ते या गाय-भैंस बैठें हो वहां से दूर जाकर किसी खुले मैदान में पटाखे जलाएं. वैसे तो पटाखों से होने वाले प्रदूषण से सिर्फ़ जानवरों को ही नहीं, हमको, हमारे वातावरण और प्रकृति सबको नुक्सान होता है. तो किन न इस बार एक ज़िम्मेदार नागरिक का फ़र्ज़ निभाते हुए दीयों की रौशनी के साथ दिवाली मनाई जाए.
2. लाइट्स के तार सही तरीके से टेप से कवर करें
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दिवाली में हर घर को रंग-बिरंगी लाइट्स से सजाया जाता है और उस वक़्त हर तरफ रौशनी ही रौशनी होती है. लेकिन हमेशा ध्यान रखें कि जब भी एल्क्ट्रिक लाइट्स लगाएं तो तारों को इलेक्ट्रिक टेप से कवर ज़रूर करें, ताकि उससे किसी को भी करंट न लगे. और डॉग्स तो तार को कीड़ा-मकोड़ा समझ कर पकड़ने की कोशिश करते ही हैं. इसलिए सावधानी बरतें.
3. फूटे पटाखों के कूड़े को कुत्तों से दूर रखें
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सड़क पर घूमने वाले जानवरों की आदत होती है सड़क पर पड़े कूड़े को खाने की. कूड़ा चाहे कैसे भी हो हानिकारक ही होता है और ख़ास कर दिवाली के पटाखों का कूड़ा. पटाखों के कूड़े में ज़हरीले पदार्थ अधिक मात्रा में होते हैं. इसके अलावा मेटल के छोटे टुकड़े और बारूद के कण भी होते हैं. और अगर ये जानवर इसको खाता है, तो उसके शरीर में ज़हर फैलने के साथ-साथ मेटल के टुकड़ों से अंदर ही अंदर घाव हो सकते हैं, जो उनकी मौत का कारण बन सकते हैं. इसलिए एक ज़िम्मेदार नागरिक के तौर पर हमारा फ़र्ज़ है कि पटाखे फोड़ने के बाद उसका कूड़ा साफ़ कर दें.
4. दिवाली में अपने पालतू जानवर के तनाव को ऐसे करें दूर.
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जानवर और ख़ास तौर पर कुत्ते ज़्यादा शोर और पटाखों की तेज़ रौशनी से के प्रति बेहद संवेदनशील होते हैं. इस कारण उनमें बेचैनी और डिहाइड्रेशन बढ़ता है. इसलिए उनको थोड़े-थोड़े अंतराल पर पानी देना चाहिए.
5. जानवरों की सुरक्षा करने वाले लोकल NGO के नाम और नंबर की लिस्ट बनायें
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दिवाली के मौके पर अक्सर कई जानवर चोटिल हो जाते हैं. और लोग उनको तड़पता हुआ देखकर आगे निकल जाते हैं, लेकिन ये गलत है अगर आपके पास NGO के नंबर्स और अड्रेस की लिस्ट होगी, तो आप उस जानवर की मदद के लिए NGO को कॉल करके बुला सकते हैं.
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इसके अलावा आप अपने पालतू जानवर को दिवाली से एक दिन पहले किसी पशु चिकित्सक के पास ले जाकर एंटी-एनज़ाइटी इंजक्शन लगवा सकते हैं, ताकि पटाखों के शोर और रौशनी से वो परेशान न हों.
दिवाली पर पेट्स की सुरक्षा का सबसे आसान तरीका है कि आप उनको घर के अंदर रखें और तेज़ आवाज़ में कोई म्यूज़िक बजा दें या टीवी पर कुछ चला दें. इससे उसका ध्यान पटाखों की और नहीं जाएगा और वो परेशान नहीं होगा. इसके साथ ही आप घर के दरवाज़े-खिड़कियों को ज़्यादा से ज़्यादा बंद रखें.
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रिसर्च के अनुसार, इंसानों की तरह ही, जानवर भी अरोमाथेरेपी को महसूस करते हैं. और डॉक्टर्स के अनुसार, एसेंशियल ऑयल्स और खुशबूदार कैंडल्स भी जानवरों को शांत रखने में मददगार साबित होती हैं.
आखिर में चलते-चलते बस यही कहेंगे कि जानवर भी संवेदनशील प्राणी हैं और हमारी देखभाल और प्यार के लायक हैं. वो बेज़ुबान होते हैं, कुछ बोल नहीं पाते लेकिन वो भी डरते हैं.