हमारे समाज में ख़ूबसूरती का सबसे बड़ा पैमाना इंसान का रंग होता है और ये बात ख़ासतौर पर महिलाओं पर लागू होती है. शायद इसीलिए आज मार्केट में कई तरह की रंग गोरा करने वाली क्रीम्स मौजूद हैं. लेकिन गोरा होना इतना ज़रूरी क्यों है? शायद इसके पीछे सदियों से चली आ रही मान्यता है कि हमारे देवी-देवताओं को सुंदरता का प्रतीक माना जाता है. इंसान द्वारा कल्पना कर बनाई गयी भगवान की तस्वीरों में उनके तीखे नयन-नक्श, आकर्षक कद-काठी के साथ-साथ उनको हमेशा दूध जैसा सफ़ेद यानि कि बेहद गोरा रंग का दिखाया जाता है. ग्रंथों, पुराणों काव्यों में हमेशा से ही अधिकतर देवी-देवताओं को सबसे सुन्दर और गोरा बताया गया है. लेकिन हमारे समाज में भगवान को दूसरे रंगों में भी अभिव्यक्त किया गया है जैसे भगवान राम और श्री कृष्ण को कई बार नीला और देवी काली को पूरा काला दिखाया गया है. लेकिन हम जिस देश का हिस्सा हैं उस देश के अधिकतर लोगों का रंग गेहुंआ या सांवला होता है, उस देश में भगवान को हमेशा गोरा ही क्यों दिखाया जाता, क्यों उनकी तस्वीर में उनका रंग सांवला नहीं होता, जब किसी ने भगवान को देखा नहीं तो फिर कोई कैसे कह सकता है कि उनका रंग गोरा ही होगा?

इस तरह के कई सवाल उठाये हैं चेन्नई के दो आर्टिस्ट्स ने.

जी हां, चेन्नई के प्रोडक्शन हाउस स्लिंगशॉट क्रिएशन्स के को-फाउंडर भारद्वाज सुंदर के दिमाग में ऐसा ही एक विचारआया कि आखिर सभी देवी-देवताओं कि स्किन गोरी ही क्यों होती है? इसलिए उन्होंने लोगों से भी यही सवाल करने के लिए पेंटिंग का सहारा लिया. उन्होंने अपनी कंपनी के दूसरे को-फाउंडर और फ़ोटोग्राफ़र नरेश निल से इस बारे में बात की और उसके बाद उनके साथ एक फ़ोटो सीरीज़ बनाई. इस फ़ोटो सीरीज़ के ज़रिये उन्होंने लोगों से पूछा कि क्या हमारे देवी-देवता सांवले नहीं हो सकते?

अपनी इस फ़ोटो सीरीज़ को उन्होंने ‘डार्क इज़ डिवाइन’ नाम दिया, जिसमें उन्होंने देवी-देवताओं की सात फ़ोटोज़ रखी हैं. देवी-देवताओं की इन फ़ोटोज़ में उनको सांवले रंग में दिखाया गया है.

न्यू इंडियन एक्प्रेस से अपनी इस फ़ोटो सीरीज़ के बारे में बात करते हुए भारद्वाज सुंदर ने बताया,

‘मैं बताना चाहता हूं कि हम नास्तिक नहीं है और न ही हम भगवान का मज़ाक उड़ा रहे हैं. इस फ़ोटो सीरीज़ के ज़रिये हम केवल ये बताना चाहते हैं कि सांवला रंग बहुत सुंदर होता है और ऐसे रंग वालों को शर्मिंदा होने या ख़ुद को किसी से कम आंकने की ज़रूरत नहीं है.’

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ‘इस फ़ोटो सीरीज़ के माध्यम से हम चाहते हैं कि लोग भगवान को दूसरे रूप में और दूसरे नज़रिए से भी देखें और इसमें कोई बुराई नहीं हैं.’

Aloha Arts and Science College से ग्रेजुएशन कर चुके नरेश और सुंदर ने इस सीरीज़ में देवी लक्ष्मी, देवी सरस्वती, देवी दुर्गा, भगवान शिव, भगवान मुर्गुन, श्री कृष्ण और भगवान राम के पुत्र लव-कुश के साथ माता सीता की तस्वीरें भी शामिल की है.

आइये अब नज़र डालते हैं इस सीरीज़ की इन सात फ़ोटोज़ पर:

1. देवी लक्ष्मी

2. देवी दुर्गा

3. देवी सरस्वती

4. भगवान शिव

5. भगवान मुर्गुन

6. श्री कृष्ण

7. लव-कुश के साथ माता सीता

ये सभी फ़ोटोज़ Naresh Nil Photography नाम के एक फेसबुक पेज पर शेयर की गई हैं और सोशल मीडिया पर इनको काफ़ी सकारात्मक प्रतिक्रिया भी मिल रही है.