जापान की राजधानी टोक्यो से 300 किलोमीटर की दूरी पर एक शाही होटल है. ज्वालामुखीय क्षेत्र में मौजूद ये होटल वहां का सबसे बड़ा होटल है लेकिन पिछले 12 सालों से ये बंद पड़ा है.

खंडहर बन चुके इस होटल का नाम है Hachijo Royal Hotel. इसे Izu आइलैंड पर बनया गया था, जहां की Beaches और ज्वालामुखी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते थे.

जापनी सरकार इसे जापान के Hawaii के रूप में प्रमोट करना चाहती थी लेकिन पर्यटकों की कमी के चलते उसका ये सपना पूरा न हो सका. इस होटल को आर्थिक तंगी के चलते साल 2006 में बंद कर दिया गया था.

इसके कई कमरों ने अपना एक पारिस्थितिकी तंत्र यानी Ecosystem बना लिया है.

वहीं कुछ ज़माने भर की धूल फांकते दिखाई दे रहे हैं.

ये है इसका फ़ाउनटेन जो अब जंगली घांसों से घिरा है.

इसकी खिड़कियों से कमरों में उगे पेड़-पौधे नज़र आने लगे हैं.

ड्रॉइंग रूम की छत भी गिरने लगी है.

ये झूमर कभी भी गिर सकता है.

ये कमरा अभी भी ठीक हालत में है.

यहां के हर कमरे में टीवी और एसी की भी सुविधा थी.

ये बेडरूम अब किसी कबाड़ खाने में तबदील हो गया है.

पियानो के आस-पास भी अब घास उग गई है.

दिवारें गिरकर सोफे़ और दूसरे फ़र्नीचर पर आ गई हैं.

इस अलमारी का तो बुरा हाल है.

टीवी और उसकी केबल गिरकर नीचे आ गई.

बेड खस्ता हालत में.

ये है इसका डाइनिंग हॉल.

वेटिंग रूम अभी भी ठीक लग रहा है.

ऐसा लग रहा है इस कमरे में खेती की जा रही है.

फ़र्नीचर से भी घास निकलने लगी है.

टेलीफ़ोन बेकार हो चुका है.

पूल टेबल.

झूमर अभी भी सही सलामत है.

मूर्तियां भी काली पड़ने लगी हैं.

होटल के आस-पास भी जंगल ने अपने पैर पसार लिए हैं.

फ़र्नीचर अब सड़ने लगा है.