दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान एक B-17 Bomber बनाने में 200,000 मिलियन डॉलर का ख़र्च आता था. ये आज के 3-4 मिलियन डॉलर जितना था. अमेरिकी सेना को ऐसे हज़ारों Bombers की ज़रूरत थी, यानि वो इनकी और जहां ये बनते थे उस फ़ैक्ट्री की अतिरिक्त और हर तरीके से सुरक्षा भी सुनिश्चित करते थे. इनकी सुरक्षा के लिए अमेरिका सेना के अधिकारी किसी भी हद तक चले जाते थे. किसी भी हद तक यानि कि ‘हॉलीवुड के सेट डिज़ाइनर्स को बुलवाकर एक नक़ली टाउन बनाना और अभिनेताओं को वहां रहने को कहना’.
इस नक़ली टाउन को 1944 में बनवाया गया था और युद्ध शुरू होने के एक साल बाद ही हटा लिया गया.
John Stewart Detlie ने Boeing Plant 2 को छिपाने के लिए ये सेट तैयार किया था. इसे तैयार करने में फ़िल्मों के सेट तैयार करने वाली तकनीक को ही इस्तेमाल किया गया था. इस टाउन में नकली घर, पेड़-पौधे, नकली सड़कें, नकली कार सब बनाये गये थे.
इसके नीचे, नाज़ियों से लड़ने के लिए लगभग 30 हज़ार पुरुष और महिलाएं हर महीने लगभग 300 Bomber तैयार कर रहे थे.
दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान 12,731 Bombers बनाए गए थे जिनमें से 50 से आज भी काम लिया जा सकता है. इन लड़ाकू विमानों ने जर्मनी पर 640,000 टन बम गिराये थे.
वक़्त के साथ इस फ़ैक्ट्री की अवस्था जर्जर होने लगी और 2010 में Boeing ने इसके विध्वंस का काम शुरू किया.
1. दुश्मनों को चकमा देने के लिए तैयार किया गया एक पूरा टाउन.
2. ज़मीन के नीचे बनी फ़ैक्ट्री को छिपाने के लिए नकली पेड़ भी लगाए गए, जो एक इंसान की लंबाई से भी छोटे थे.
3. Chicken Wire और Feathers से बने थे ये पेड़.
4. छोटे-छोटे नकली घरों का जायज़ा लेते Suzette Lamoureaux और Vern Manion.
5. एक नज़र में ये किसी आम टाउन का नज़ारा लग रहा है.
6. आम से इस टाउन के नीचे था एक गुप्त सैन्य रहस्य- एक Boeing विमान फ़ैक्ट्री.
7. Street Sign.
8. Boeing फ़ैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारी.
9. फ़ैक्ट्री के अंदर की एक और तस्वीर.
10. नकली सड़क पर खड़ी एक नकली कार.
11. 5000 फ़ीट से ली गई नकली टाउन की तस्वीर.
12. फ़ैक्ट्री में काम करते कर्मचारी.
13. कतार में लगी हुए, B-17F लड़ाकू विमान.
14. प्लेन बनाने में कार्यरत कुछ कर्मचारी.
15. नकली टाउन की एक और तस्वीर, जिसमें देखा जा सकता है कि यहां कि सड़कों को पास के असल टाउन की सड़कों से जोड़ा गया था.
16. शहर का जायज़ा लेती Joyce Howe और Susan Heidreich.
17. ये जगह अभी कुछ ऐसी दिखती है.
इनकी अक़्लमंदी की दाद देनी पड़ेगी.